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    UP News: दुष्कर्म कर नाबालिग की हत्या करने वाले चचेरे भाई को आजीवन कारावास, दुष्कर्मी के पिता को भी एक वर्ष की सजा

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 11:10 PM (IST)

    गाजीपुर में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने और उसे जलाकर मारने के मामले में अदालत ने आरोपी चचेरे भाई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम की अदालत ने यह फैसला सुनाया। घटना 2019 में दिलदारनगर थाना क्षेत्र में हुई थी। पीड़िता की मां के साथ मारपीट करने पर दुष्कर्मी के पिता को भी एक साल की सजा सुनाई गई है।

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    दुष्कर्म कर नाबालिग को जलाकर मार डालने वाले चचेरे भाई को आजीवन कारावास

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने गुरुवार को नाबालिग के साथ दुष्कर्म कर जलाकर मार डालने वाले चचेरे भाई को आजीवन कारावाज की सजा सुनाते हुए 60 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। 

    अर्थदंड की राशि से 50 प्रतिशत पीड़िता के परिवार को देने का आदेश दिया है। वहीं मामले की शिकायत करने गई पीड़िता की मां को मारपीट कर भगाने पर दुष्कर्मी के पिता को भी कोर्ट ने एक वर्ष की सजा सुनाई है।

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    अभियोजन के अनुसार, दिलदारनगर थाना के एक गांव निवासी ने इस दो मार्च 2019 को इस आशय की तहरीर दी कि उसी दिन उसकी नाबालिग पुत्री घर में अकेली थी। उसी समय उसका चचेरा भाई मेहदी हसन उर्फ राजा खाना उसके अकेले का फायदा उठाकर घर में घुस गया और उसके साथ गलत हरकत करते हुए दुष्कर्म किया। 

    इसके बाद पीड़िता से कहा कि घर छोड़ कर हमारे साथ भाग चलो। पीड़िता तैयार नहीं हुई तो वह नाराज हो गया और पीड़िता के ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर जला दिया। शोर पर आस पास व परिवार के लोग आ गए, जिनसे पीड़िता सारी घटना बताई। 

    सभी लोग मिलकर उसको थाने ले गए थाने से उसे उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इस दौरान पीड़िता की मां मेहदी हसन के घर शिकायत करने पहुंची तो उसके पिता अब्दुल्ला डांटते हुए मारपीट कर भगा दिया। 

    पुलिस ने पिता-पुत्र के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया और मेहदी हसन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना के उपरांत पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। इसके करीब पांच दिन बाद दो अगस्त 2019 कोर्ट ने दोनों के विरुद्ध आरोप बनाया और गवाही शुरू हुई। 

    विचारण के दौरान अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक रविकांत पांडेय ने कुल नौ गवाहों को पेश किया। गुरुवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने उपरोक्त सजा सुनाते हुए मेंहदी हसन उर्फ राजा को जेल भेज दिया।