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    जलकल में बनेगा सीडब्लूआर, 70 लाख की लागत से 25 एचपी के ट्यूबवेल का कार्य प्रारंभ

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 02:48 PM (IST)

    गाजीपुर जलकल परिसर में सीडब्लूआर का निर्माण होगा। इसके अतिरिक्त, 70 लाख रुपये की लागत से 25 एचपी के ट्यूबवेल का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। इस परियोजन ...और पढ़ें

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    70 लाख की लागत से 25 एचपी के ट्यूबेल का कार्य प्रारंभ।

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। नगर पालिका क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जलकल प्रांगण में 25 एचपी क्षमता वाले नए ट्यूबवेल का लोकार्पण नगर पालिका अध्यक्ष सरिता अग्रवाल ने किया। लंबे समय से कम प्रेशर और अनियमित जलापूर्ति से परेशान नागरिकों के लिए यह सुविधा राहत लेकर आएगी।

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    ट्यूबवेल के शुरू होने के साथ ही अब यहां क्लीयर वाटर रिजर्वायर (सीडब्ल्यूआर) का निर्माण भी प्रस्तावित है, जिसके बन जाने पर जलापूर्ति व्यवस्था में व्यापक सुधार होगा।

    तकनीकी मानकों के मुताबिक इसका निर्माण लगभग 70 दिन में पूरा हो सकता है। निर्माण पर 70 लाख रुपये तक की लागत आने का अनुमान है। अधिशासी अधिकारी डॉ. डीके राय के अनुसार सीडब्ल्यूआर के तैयार होने के बाद जलकल में पंपिंग क्षमता बढ़ने के साथ पानी का दबाव भी बेहतर होगा।

    इससे उन इलाकों तक भी सुचारू आपूर्ति संभव हो सकेगी, जहां अभी कम प्रेशर की वजह से पर्याप्त पानी नहीं पहुंच पाता। ट्यूबवेल के चालू होने और सीडब्ल्यूआर निर्माण योजना से विशेश्वरगंज, मिश्रबाजार, गांधीपार्क, सुभाष नगर, रायगंज, लालदरवाजा, प्रकाश टाकिज, आमघाट, सकलेनाबाद, नई बस्ती सहित जलकल से जुड़े अन्य मोहल्लों को सीधा लाभ मिलेगा।

    इन इलाकों में हर साल गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत बनी रहती है। कई बार टैंकरों से आपूर्ति करनी पड़ती है, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित हो जाएगी।

    नगर पालिका अध्यक्ष ने बताया कि नगर को पेयजल संकट से मुक्त करना प्राथमिकता है। पिछले वर्षों में कई पुराने ट्यूबवेल क्षमता से कम उत्पादन देने लगे थे, जबकि जनसंख्या बढ़ने से मांग बढ़ चुकी है। नए ट्यूबवेल और सीडब्ल्यूआर के संयोजन से न सिर्फ जलापूर्ति की मात्रा बढ़ेगी, बल्कि पानी की गुणवत्ता और प्रेशर भी सुधरेगा।

    जलकल जेई पूजा ने बताया कि सीडब्ल्यूआर बनने के बाद पानी पहले फिल्टर होकर रिज़र्वायर में एकत्र होगा, फिर पंपों के माध्यम से निर्धारित प्रेशर पर घरों तक पहुंचाया जाएगा। इससे जलस्तर में अचानक उतार-चढ़ाव की समस्या भी कम होगी।