प्रधानमंत्री मोदी से मत्स्य उद्यमी डा. सुबुही आब्दी ने साझा किया अपना प्रोजेक्ट
गाजीपुर की मत्स्य उद्यमी डा. सुबुही आब्दी ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सजावटी मत्स्य उद्यम के बारे में बताया। प्रधानमंत्री ने उनके प्रोजेक्ट की सराहना की और नारी सशक्तिकरण पर जोर दिया। डा. आब्दी ने ससना ग्रामपंचायत में उत्तर प्रदेश का पहला सजावटी मत्स्य प्रजनन केंद्र स्थापित किया है, जहाँ 16 प्रजातियों की मछलियाँ हैं और जल्द ही बिक्री शुरू होगी।

गाजीपुर में स्थापित हुआ है उत्तर प्रदेश का पहला सजावटी मत्स्य प्रजनन व पालन केंद्र।
जागरण संवाददाता, सादात, गाजीपुर। सादात नगर के वार्ड 10 निवासी मत्स्य उद्यमी डा. सुबुही आब्दी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दिल्ली स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में संवाद कर अपने सजावटी मत्स्य उद्यम के बारे में जानकारी दी। उत्तर प्रदेश की ओर से डा. आब्दी ही एकमात्र उद्यमी थीं, जो प्रधानमंत्री की धन-धान्य कृषि योजना के तहत चयनित आठ सजावटी मत्स्य उद्यमियों में शामिल थीं।
डा. सुबुही आब्दी ने 1998 में समता इंटर कालेज इंटरमीडिएट और बापू महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की, उसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने 16 वर्षों तक विशेष रूप से सिंगी मछली सहित अन्य मछलियों पर शोध किया और लखनऊ मत्स्य पालन अनुसंधान संस्थान में दो वर्ष तक कार्य किया।
प्रधानमंत्री से मिलने के बाद डा. आब्दी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने उनके प्रोजेक्ट की सराहना करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सजावटी मछली पालन और बिक्री के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस उद्योग में महिलाओं को जोड़कर नारी सशक्तिकरण की दिशा में काम किया जा सकता है।
डा. आब्दी ने ससना ग्रामपंचायत के हरदियां मौजे में अपने स्व. पिता अमीर हैदर की पैतृक जमीन पर एक करोड़ रुपए लागत से उत्तर प्रदेश का पहला सजावटी मत्स्य प्रजनन व पालन केन्द्र स्थापित किया है। इसके लिए प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 15 लाख रुपए की सब्सिडी प्राप्त हुई है। केंद्र में वर्तमान में 16 प्रजातियों की मछलियां हैं, जिनमें से कुछ प्रजनन मछलियों से और कुछ अंडों से नई मछलियां पैदा होंगी। भविष्य में विदेशों से भी विभिन्न प्रजातियों के बडर मंगाए जाएंगे। बिक्री अगले एक माह में शुरू हो जाएगी।
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