गाजीपुर में आठ वर्षीय बालक से कुकर्म और हत्या के दोषी को मृत्युदंड, न्यायाधीश ने तोड़ी कलम
गाजीपुर में पॉक्सो कोर्ट ने आठ वर्षीय बालक से कुकर्म और हत्या के दोषी संजय नट को मृत्युदंड की सजा सुनाई। न्यायाधीश रामअवतार प्रसाद ने फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी को तब तक फांसी पर लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए और अपनी कलम तोड़ दी।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। कुकर्मी को फांसी पर तबतक लटकाया जाए, जब तक मौत ना हो जाए, कहते हुए न्यायाधीश ने अपनी कलम तोड़ दी। यह सजा विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने सुनाई तो हर कोई फैसले से संतुष्ट नजर आया। दरअसल आठ वर्षीय बालक के साथ कुकर्म करने के बाद हत्या कर दी गई थी।
विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने मंगलवार को आठ वर्षीय लड़के के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म कर हत्या के मामले में गहमर थाना के एक गांव निवासी संजय नट को मृत्युदंड की सजा सुनाते हुए एक लाख 80 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड की राशि से 50 प्रतिशत वादी को देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह फैसला कुल 42 तारीखों में सुनाया है।
आदेश दिया कि कुकर्मी संजय नट के गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए, यह कहते हुए न्यायाधीश ने अपने कलम को तोड़ दिया। अभियोजन के अनुसार गहमर थाना के एक गांव निवासी व्यक्ति ने इस आशय की तहरीर दी कि उसका आठ वर्षीय लड़का 19 फरवरी 2024 को गांव में फुटबाल मैच देखने गया था, जो वापस घर नहीं आया।
वह रात भर खोजे और रिश्तेदारों के यहां भी पता किया, कही पता नहीं चला वादी परेशान होकर थाने में गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराया। दूसरे दिन गांव की ही सिमरन ने वादी से बताया कि कल संजय नट अपने साथ उसके लड़के को अपने घर की तरफ ले जा रहा था। वादी ने इस खबर को पुलिस को दिया और पुलिस के साथ संजय नट के घर गया। पुलिस ने संजय के घर की जांच पड़ताल शुरू किया तो उसके घर में रखे बड़े तीन के बक्से को खोला गया।
बक्से में रखे कपड़े के नीचे एक बोरे में लड़के का शव मिला। पुलिस ने मौके पर फाेरेंसिक टीम बुलाकर अग्रिम कार्यवाही कराई और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। संजय नट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना उपरांत उसके विरुद्ध न्यायालय में 14 मई 2024 को आरोप पत्र पेश किया। न्यायालय ने छह जून 2024 को उसके विरुद्ध चार्ज फ्रेम किया और आरोपी ने विचारण की मांग की।
विचारण के दौरान अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक प्रभुनारायण सिंह ने कुल अआठ गवाहो को पेश किया। सभी गवाहों ने अपना-अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया। मंगलवार को दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय संजय नट को दोषी पाते हुए मृत्युदंड की सजा सुनाई। कोर्ट ने आदेश दिया कि कुकर्मी संजय नट के गर्दन में फांसी लगाकर तब तक लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए, यह कहते हुए न्यायाधीश ने अपने कलम को तोड़ दिया।
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