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    यूपी से बिहार पहुंचेगा गंगा का जल, किसानों की बदलेगी किस्मत; इन 3 इलाकों के लोगों को मिलेगा जबरदस्त फायदा

    Updated: Mon, 10 Mar 2025 11:11 AM (IST)

    Kakrait Ganga Udvah Yojana उत्तरवाहिनी गंगा का जल अब बिहार के कैमूर जनपद में सिंचाई के लिए बहेगा। यूपी के जमानियां से 10.8 किमी अंडरग्राउंड पाइप के जरिए गंगाजल ककरैत पहुंचेगा। इस परियोजना पर 528.44 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे रामगढ़ नुआंव और दुर्गावती प्रखंड के किसानों को सिंचाई में आसानी होगी। बिहार सरकार इस योजना पर जल्द ही कार्य शुरू कर देगी।

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    भगीरथ की भूमिका में बिहार सरकार,गंगा जल पहुचेंगा कर्मनाशा पार

    संवाद सूत्र, जमानियां (गाजीपुर)। बिहार के कैमूर जनपद में सिंचाई के लिए यूपी से भगीरथ की गंगा का जल से वहां की फसल लहलहाएगी। चक्का बांध से पश्चिम कैमूर जनपद के नुआंव की ओर पानी ले जाने के लिए बिहार सरकार जमानियां के चक्का बांध के पश्चिम तरफ नया पंप गृह बनाएगी। जहां से 10.8 किमी अंडर ग्राउंड पाइप से गंगा का पानी ककरैत तक ले जाया जाएगा।

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    जमानियां-ककरैत गंगा उदह योजना में कुल 528.44 करोड़ रुपया खर्च होगा। बिहार सरकार इस योजना पर जल्द ही कार्य शुरू कर देगी।

    उत्तरवाहिनी गंगा की अविरल धारा का जल बिहार कैमूर की धरती पर सिंचाई के लिए गिराया जाएगा। बिहार के ककरैत के पास कर्मनाशा नदी के उत्तर तरफ जमानियां से 10.8 किमी अंडरग्राउंड पाइप के माध्यम से गंगाजल पहुंचेगा। इसमें रेलवे क्रासिंग के 1.2 डायग्राम व अन्य जगहों पर 1.4 डायग्राम के पाइप से पानी लाया जाएगा।

    ककरैत में बनाया जाएगा मल्टीपर्पज वैट

    बिहार के ककरैत के पास छह पंप व दो स्टैंड पंप लगेंगे, जो 25 सौ हार्स पावर के होंगे। ककरैत में ही मल्टीपर्पज वैट बनाया जाएगा। जहां से तीन जगहों पर पानी गिराया जाएगा। इसमें कर्मनाशा नदी व लरमा में आवश्यकता के अनुसार पानी गिरेगा। जबकि नहर के माध्यम से भी पानी दिया जाएगा।

    उत्तरवाहिनी गंगाजल से बिहार के रामगढ़, नुआंव व दुर्गावती प्रखंड के लगभग दस हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। इससे किसानों को सिंचाई की समस्या लगभग खत्म हो जाएगी और ककरैत में हमेशा पानी स्टोर रहेगा।

    उत्तरवाहिनी गंगा का जल बिहार की धरती पर सिंचाई के लिए पहुंचने से वहां के किसान खुशहाल और समृद्ध होंगे। बिहार सरकार करोड़ो रुपये खर्च कर गंगा के जल को कैमूर जनपद में जाने की योजना मूर्त रूप लिया तो आने वाले दिनों में कैमूर का बड़ा इलाका भी धान का कटोरा के रूप में पहचान जाएगा। हालांकि बिहार के रामगढ़ व दुर्गवाती प्रखंड की मिट्टी उपजाऊ है, लेकिन सिंचाई का बेहतर इंतजाम नहीं होने से वहां के किसान भरपूर मात्रा में भी फसल का उत्पादन नहीं कर पाते।

    यही कारण है कि बिहार सरकार ने किसानों की इस वेदना को महसूस किया और उनकी समृद्धि के लिए अपने खजाने को खोल दिया और यूपी से गंगा का जल किसानों के खेतों तक पहुंचाने के लिए परियोजना तैयार की है।

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