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    UP Flood: छह सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, कर्मनाशा के उफान से आई बाढ़

    गाजीपुर में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है जिससे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का डर है। चंदौली में कर्मनाशा नदी में बाढ़ से यूपी-बिहार मार्ग बाधित है। गंगा की सहायक नदी गोमती भी उफान पर है। एसडीएम ने बाढ़ पीड़ितों का निरीक्षण किया और राहत पहुंचाने का निर्देश दिया। गंगा में बढ़ता जलस्तर से कटान का खतरा भी बढ़ रहा है।

    By Vindeshwari Singh Edited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 26 Aug 2025 06:04 PM (IST)
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    छह सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, कर्मनाशा के उफान से आयी बाढ

    जागरण संवाददाता, गाजीपुर। सोमवार की रात से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सुबह में आठ सेंटीमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बढ़कर 61.800 मीटर पर पहुंच गया। शाम को छह सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़कर 62.150 मीटर पहुंच गया, जो निम्न चेतावनी बिंदु को पार कर गया है।

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    अगस्त में आयी बाढ़ का नुकसान झेल चुके किसान अभी उससे उबरने की तैयारी में जुटे हैं कि एक बार फिर से गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। पिछले 24 घंटे में पानी बढ़ने से समीपवर्ती गांवों के किसान और ग्रामीण चिंतित हैं। उधर, चंदौली के डैम से पानी छोड़े जाने के कारण कर्मनाशा नदी में बाढ़ आ गई है। यूपी-बिहार के संपर्क मार्ग पर पानी आने से लोगों की आवाजाही बंद है।

    तटवर्ती लोगों को डरा रहा गंगा का बढ़ता जलस्तर

    गंगा नदी का जलस्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है जिससे तटवर्ती गांवों के लोग बाढ़ की आशंका को लेकर भयभीत हैं। बीते सप्ताह लगातार पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हुई झमाझम बरसात के बाद इस साल गंगा का जलस्तर चौथी बार बढ़ने लगा है। कई प्रमुख बांधों से भी पानी छोड़े जाने की वजह से गंगा का पानी दोबारा बढ़ने के साथ ही तटवर्ती इलाकों में लोगों की चिंता बढ़ा रहा है।

    औड़िहार, पटना, सादीभादी सहित खरौना कुसही में लोग गंगा के बाढ़ से अशांतिक है। पटना में गंगा प्रहरियों का कहना है कि अभी कुछ दिन पूर्व ही गंगा गोमती नदी में बाढ़ का भारी असर देखा गया था। बाढ़ उतरने के बाद पीड़ित तटवर्ती परिवार अभी कीचड़, बदबू और फसलों के सड़े अवशेषों से मुक्ति पाने की जद्दोजहद कर ही रहे थे कि दुबारा नदियों के जल स्तर में तीव्र वृद्धि को देखते हुए उनकी धड़कनें बढ़ गई है।

    इधर गंगा की सहायक नदी गोमती भी उफान पर है। तेतारपुर के मुख्यमार्ग कर करीब तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। तीन दिन से हो रही लगातार बारिश से एक बार फिर जल स्तर में अचानक वृद्धि हो गई है।

    कर्मनाशा नदी का पानी गांव में घुसा, फसल भी डूबी

    चंदौली से चन्द्रप्रभा व नौगढ़ बांध से पानी छोड़ने से कर्मनाशा नदी का पानी भी बढ़ गया है।हालांकि मंगलवार की सुबह पानी घटने से ग्रामीण राहत की सांस लिए है,लेकिन तटवर्ती गांव के लोगों का फसल पूरी तरफ से डूब जाने से परेशान हैं।

    कर्मनाशा नदी का पानी बढ़ने से क्षेत्र के तटवर्ती ग्राम गायघाट, घुस्का, रोहुणा, धिनपुरा, तियरी, जबुरना, केसरुआ, करमहरी गांव बाढ़ के चपेट में आ गया है। वही दाउदपुर ग्राम व देवढ़ी संपर्क मार्ग पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है तथा देवढी गाँव का निचला हिस्सा भी बाढ़ के चपेट में आ गया है।

    गायघाट में भी पानी से फसल डूब गए है।धुस्का गांव अभी भी पानी से घिरा हुआ है। बाढ़ से फसलों के जलमग्न हो जाने के कारण किसान चिंतित हैं।यूपी -बिहार को जोड़ने वाला मार्ग पर करमहरी गांव के पास सड़क पर पानी चढ़ गया है।जिससे आवागमन में परेशानी है।

    एसडीएम ज्योति चौरसिया व तहसीलदार रामनरायण वर्मा राजस्व कर्मियों संग तटवर्ती इलाकों का निरीक्षण कर बाढ़ पीड़ितों से वार्ता कर परेशानियों का जायजा लिया और राजस्वकर्मियों से बाढ़ पीड़ितों को हर सुविधा देने का निर्देश दिया।

    शेरपुर गांव का कटान रोकने को जिओबैग ठोकर व नाली क्षतिग्रस्त

    गंगा का जलस्तर बढ़ने से कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है। जलालपुर मौजे में गंगा किनारे श्मशानघाट के पास बनाए गए बोल्डर पीचिंग के बाद गंगा किनारे बोरियों से निर्मित जिओबैग तथा खेतों से बाढ़ का पानी निकलने के लिए बनाई गई नालियां क्षतिग्रस्त होने से कटान का खतरा बढ़ गया है।

    सेमरा से शेरपुर जलालपुर सहित अन्य मौजों में गंगा किनारे जहां बोल्डर पीचिंग का कार्य पूरा हो गया है। वहां तो कटान होने की संभावना नहीं है लेकिन जहां बोल्डर पीचिंग का कार्य अभी नहीं हो सका है। बाकी जगह कटान का खतरा बना है।