UP के इस जिले में फिर शुरू हुआ डीएल में ‘खेल’, एक ही दिन में टेस्ट ड्राइव में फेल को कर दिया ‘पास’
गाजीपुर में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में धांधली का मामला सामने आया है। विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से टेस्ट में फेल होने वाले अभ्यर्थी को भी पास कर दिया जा रहा है। एआरटीओ ऑफिस में दलालों का कब्जा है और वे मुंह मांगा पैसा लेकर गलत काम कर रहे हैं। एआरटीओ प्रशासन ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

अविनाश सिंह, गाजीपुर। हादसों के आंकड़ों को रोकने के लिए शासन ने ड्राइविंग लाइसेंस की प्रकिया को कठिन कर दी, ताकि जुगाड़ वाले लोग सड़कों पर फर्राटा न भर सके। इसके लिए बिराइच टेस्ट ड्राइव ट्रैक बनाया गया। यहां गांव के पास 52 से ऊपर एआइ बेस्ड सीसीटीवी कैमरा लगा है ताकि पारदर्शिता रहे और कोई गलत तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस न हासिल कर ले, मगर इसमें भी सेंध लग गई है।
विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से सीसीटीवी कैमरों को दरकिनार करते हुए खेल शुरू हो गया है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। महेंद्र सिंह यादव नाम का एक अभ्यर्थी टेस्ट में फेल हो जाता है और फिर उसी दिन पास भी हो जा रहा है। यह मामला जब उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो वह भी अचंभित हो गए हैं कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है।
शासन की ओर से परिवहन विभाग के लगभग सभी कार्य अब आनलाइन हो गए हैं। डीएल में पारदर्शिता के लिए शासन ने निजी संस्था को सौंप दिया। अब अभ्यर्थी का जिस दिन स्लाट बुक होता है परीक्षा के लिए ट्रेनिंग सेंटर पहुंचते हैं। महेंद्र सिंह यादव नौ जुलाई को परीक्षा देने पहुंचे।
टू व्हीलर की परीक्षा पास कर गए, लेकिन फोर व्हीलर में फेल हो गए। बकायदे उनके फार्म पर फेल का मुहर भी लगाया गया, लेकिन फले होने के बाद भी महेंद्र सिंह यादव उसी दिन फोर व्हीलर की परीक्षा भी पास कर गए और उनका डीएल नंबर भी जारी हो गया।
यह है डीएल की प्रक्रिया
अभ्यर्थी का लर्निंग डीएल बनता है। इसकी परीक्षा आनलाइन होती है और वह घर से भी दे सकता है। 300 रुपये इसकी फीस है। लर्निंग डीएल की वैधता छह माह तक होती है। हालांकि परीक्षा पास करने के एक माह बाद अभ्यर्थी परमानेंट डीएल के लिए आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसकी फीस एक हजार रुपये है।
आवेदन करते समय स्लाट बुक होता है और जिस तिथि का स्लाट बुक होता है, उसी दिन परीक्षा देनी होती है। अगर परीक्षा में फेल हो गए तो फिर से आनलाइन आवेदन करना होता है और फिर स्लाट बुक होता है। एक माह बाद की तिथि मिलती है। इसकी फीस 350 रुपये है।
टेस्ट ड्राइव में फेल महेंद्र को उसी दिन पास के खेल ने खोल दी पोल
टेस्ट ड्राइव में फेल महेंद्र को उसी दिन पास करने के खेल ने सिस्टम की पोल खोल दी है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से यह बड़ा खेल हो रहा है। मुंह मांगा पैसा मिलने पर फेल को भी पास कर दिया जाता है। बदले में तीन से छह हजार तक रुपये लिए जा रहे हैं। अगर सही तरीके से जांच हुई तो एआरटीओ कार्यालय के कई मठाधीश बाबुओं पर कार्रवाई होनी तय है।
एआरटीओ आफिस में दलालों का कब्जा
दलालों की भूमिका को लेकर एआरटीओ आफिस हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। बीच में दलालों के खिलाफ चले अभियान के बाद कार्यालय लगभग दलाल मुक्त हो गया था, लेकिन एक बार फिर से इनका जमावड़ा शुरू हो गया है। अब तो यह इतने सक्रिय हो गए हैं कि परमानेंट डीएल का पलट देख रहे बाबू के बगल की कुर्सी पर बैठकर फाइलों को देखते हैं। अगर कोई जाता है तो दलाल को ही बाबू समझ उनसे जानकारी भी लेता है।
एक ही दिन में फेल होने के बाद भी अभ्यर्थी पास नहीं हो सकता है, यह गलत है। अगर ऐसा है तो इसकी जांच कराई जाएगी। अभी मैं हाल ही में ज्वाइन किया हूं। दलालों को कार्यालय में कतई प्रवेश नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए सभी को चिह्नित किया जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। - धनवीर यादव, एआरटीओ प्रशासन।
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