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    गाजीपुर में मिर्च के पौधों में ब्लैक थ्रिप्स फैला महामारी की तरह, उत्‍पादन प्रभाव‍ित होने की आशंका

    By Awanish Kumar Rai Edited By: Abhishek sharma
    Updated: Fri, 07 Nov 2025 03:37 PM (IST)

    गाजीपुर के मिर्च किसान ब्लैक थ्रिप्स नामक कीट रोग से परेशान हैं, जो पौधों में महामारी की तरह फैल रहा है। दवाओं का असर न होने से किसान चिंतित हैं। कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि यह रोग पहले दक्षिण भारत में देखा जाता था, लेकिन इस वर्ष गाजीपुर में तेजी से फैल गया है, जिससे उत्पादन पर असर पड़ रहा है। किसानों को ब्रोफैनीलाइड और एथियान के छिड़काव की सलाह दी गई है।

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    ब्लैक थ्रिप्स से परेशान मिर्च किसान, दवाओं का नहीं दिख रहा असर।

    जागरण संवाददाता, करीमुद्दीनपुर (गाजीपुर)। क्षेत्र के मिर्च किसान इन दिनों ब्लैक थ्रिप्स नामक कीट रोग से बुरी तरह परेशान हैं। यह रोग मिर्च के पौधों में महामारी की तरह फैल गया है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस पर किसी भी दवा का विशेष असर नहीं हो पा रहा है, जिससे किसान अत्यंत चिंतित हैं।

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    किसान दीपक यादव,सुनील यादव,अंशुमान राय,दिवाकर राय आदि ने बताया कि इस रोग से निजात पाने के लिए काफी दवाओं का छिड़काव किया लेकिन कोई असर नही हुआ

    कृषि विशेषज्ञ सर्वेश राय ने बताया कि यह रोग पहले केवल दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में देखा जाता था, लेकिन इस वर्ष यह गाजीपुर जिले में तेजी से फैल गया है। इस रोग से ग्रसित पौधों की पत्तियां ऊपर की ओर मुड़ जाती हैं, जिससे पौधों में भोजन निर्माण रुक जाता है और उनकी जीवन शक्ति क्षीण होने लगती है।

    उन्होंने बताया कि ब्लैक थ्रिप्स फूलों में छिपकर उनके परागकणों को खाते हैं, जिसके कारण फूल झड़ जाते हैं और उत्पादन पर भारी असर पड़ता है। मिर्च के फूल नीचे की दिशा में होने के कारण दवाओं का असर भी सीमित रह जाता है।

    पहले इस रोग का प्रभाव कुछेक पौधों तक ही सीमित रहता था, लेकिन इस बार अधिकांश खेतों में मिर्च की फसल प्रभावित हुई है। कृषि विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि प्रभावित पौधों पर ब्रोफैनीलाइड (1 मि.ली. प्रति 4 लीटर पानी) तथा एथियान (2.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी) का मिश्रण बनाकर छिड़काव किया जाए।

    ज्ञात हो कि क्षेत्र में इस वर्ष लगभग 10 हजार बीघे में मिर्च की खेती की गई है। करीब 80 प्रतिशत किसानों ने अगेती फसल ली थी। प्रतिकूल मौसम के बावजूद पौधे तो तैयार हो गए, लेकिन ब्लैक थ्रिप्स के प्रकोप ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।