Afzal Ansari: कोर्ट ने जजमेंट पढ़ने से पहले मुंशी प्रेमचंद की बड़े भाई साहब कहानी सुना अफजाल अंसारी को दी नसीहत
अफजाल अंसारी के खिलाफ जजमेंट पढ़ने से पहले भी अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश ने इस कहानी को सुनाकर सांसद अफजाल को नसीहत दी और कहा कि अपने ...और पढ़ें

गाजीपुर, जागरण टीम: मुंशी प्रेमचंद की ‘बड़े भाई साहब’ कहानी काफी प्रसिद्ध है। इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने बताया है कि बड़े भाई ने छोटे भाई की कैसे परवरिश कर उसे अच्छे रास्ते पर ले जाने के लिए प्रेरित किया है। अफजाल अंसारी के खिलाफ जजमेंट पढ़ने से पहले भी अपर सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश ने इस कहानी को सुनाकर सांसद अफजाल को नसीहत दी और कहा कि अपने छोटे भाई मुख्तार अंसारी की परवरिश सही किए होते तो आज वह अपराधी नहीं होता।
29 अप्रैल को एमपी-एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत ने माफिया मुख्तार अंसारी को दस और सांसद अफजाल अंसारी को चार वर्ष की सजा सुनाई। मुख्तार अंसारी के खिलाफ फैसला सुनाने के बाद सांसद अफजाल अंसारी का जजमेंट पढ़ा जाने वाला ही था कि उनके अधिवक्ता ने कहा कि अफजाल अंसारी 1985 से लगातार पांच बार विधायक और दो बार सांसद रह चुके हैं। इनके ऊपर गैंगस्टर नहीं बनता है।
इसका जवाब देते हुए शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि अफजाल अंसारी 1985 में विधायक निर्वाचित हुए। उस समय मुख्तार अंसारी की आयु करीब 20 या 22 वर्ष की रही होगी। उस समय अगर अफजाल अपने छोटे भाई मुख्तार अंसारी को सही राह नहीं दिखाया और ना ही अच्छी परवरिश दी, बल्कि उसे राजनीतिक प्रश्रय दिया। अगर अच्छी परवरिश दिए होते तो शायद आज जनपद व प्रदेश को एक अच्छा अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मिला होता, अपराधी नहीं।
शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इसके बाद अदालत ने मुंशी प्रेमचंद की बड़े भाईसाहब कहानी सुनाकर अफजाल अंसारी को नसीहत दी। कहा कि यह दो भाइयों की कहानी है। कहानी में बड़ा भाई छोटे को अच्छे रास्ते पर ले जाने के लिए प्रेरित करता है, लेकिन अफजाल अंसारी ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद जजमेंट सुनाया गया।

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