सावधान! आयुर्वेदिक औषधियां भी होती हैं एक्सपायर
गाजीपुर: यहां बिक रही आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता की कोई गारंटी नहीं है। केंद्रीय मानक ब्यूरो के मुताबिक एक्सपायरी डेट लिखना जरूरी है मगर ज्यादातर दवाओं पर ऐसा अंकित नहीं रहता।
लोगों का मानना है आयुर्वेद औषधि नुकसान नहीं करता मगर ऐसा नहीं है यदि आप आयुर्वेदिक औषधि का सेवन रहे हैं तो सावधानी बरतें। बिना देखे, समझे आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। आयुर्वेदिक औषधि पर एक्सपायरी डेट न लिखने पर औषधि गुणवत्ता के पैमाने पर वह कतई सही नहीं मानी जाएगी। आयुर्वेदाचार्य, ऋषि, मनिषियों ने मानव समुदाय पर कृपा कर वनस्पति जगत के फल-फूल, कंद मूल साग, सब्जी, धान्य आदि के गुण धर्म स्वभाव और उपयोग के बारे में भी बहुत प्रमाणिक तात्विक और उपयोगी जानकारी दी। सबका मानना है कि कच्ची औषधि का प्रयोग मात्र छह माह तक ही लाभदायक होता हैं। सरकारी अस्पतालों में कच्ची औषधियों को छह माह तक का समय लग जाता है। वहीं स्थानीय स्तर पर कच्ची औषधि की खरीदारी भी नहीं होती। केंद्रीय मानक ब्यूरो ने एक वर्ष पहले कई आयुर्वेदिक औषधियों पर डेट आफ एक्सपायरी लिखना अनिवार्य कर दिया था। इसमें पैकेट में बंद गोलियां व द्रव्य शामिल हैं। जिले में बिक रही अधिकतर आयुर्वेदिक औषधियों पर एक्सपायरी डेट अंकित नहीं है।
एक्सपायरी डेट होना जरूरी
जिला आयुर्वेदिक अस्पताल के चिकित्सक डा. श्रीराम दूबे ने माना कि आयुर्वेदिक पर अक्सर एक्सपायरी डेट नहीं लिखी रहती है। आयुर्वेद में चार तरह की दवाएं आती हैं। इनमें जड़ी बूटी व काढ़ा की एक्सपायरी डेट छह माह से कम होती है। रस औषधि व आसव दो-तीन वर्षो तक काम करते हैं लेकिन इन पर भी एक्सपायरी डेट होना जरूरी होता है जबकि ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है।
ड्रग इंस्पेक्टर का पद खाली
ड्रग इंस्पेक्टर वीके यादव के स्थानान्तरण के बाद इस पद पर किसी की तैनाती नहीं की गई है। इससे दुकानों पर रखी दवाओं की जांच पड़ताल भी नहीं हो पा रही है। जाहिर है इसका फायदा दुकानदार उठा रहे हैं। इस मामले में सीएमओ डा.आरके गुप्त से सम्पर्क नहीं हो सका।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।