जखनियां! घोषित हो नगर पंचायत
जखनियां (गाजीपुर) : जखनियां बाजार के रूप में मेरी पहचान पुरानी है। पड़ोसी जिला आजमगढ़ की सरहद से जुड़े होने से सीमावर्ती लोग भी खरीदारी व अन्य काम के लिए यहां आते हैं। सौभाग्य रहा कि जखनियां तहसील मुख्यालय भी बना लेकिन नगर का दर्जा आज तक नहीं मिला। जिला मुख्यालय से शासन तक तो नगर पंचायत बनाने के लिए प्रस्ताव भेजे गये लेकिन अमल आज तक नहीं हुआ। दुर्भाग्य कहें या विडंबना कि वर्ष 1997 में तहसील मुख्यालय घोषित किये जाने के बावजूद आज भी जखनियां ग्राम पंचायत के अधीन है। मजे की बात है कि तहसील क्षेत्र में सादात नगर पंचायत आता है और वहां विकास की तमाम योजनाएं संचालित हो रही हैं लेकिन तहसील के साथ वैसा ही सलूक हो रहा है, जैसे जिले की अन्य ग्राम पंचायतों के साथ। सुरक्षा की बात करें तो तहसील मुख्यालय की सुरक्षा का भार भुड़कुड़ा थाने के कंधों पर है। यदि नपं घोषित हो जाती तो कोई हैरानी नहीं कि यहां कोतवाली स्थापित होती। फायर बिग्रेड जैसे महत्वूपर्ण संसाधन मिलते। भुड़कुड़ा इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य रामवृक्ष पांडेय ने कहा कि यदि जखनियां बाजार को नगर निकाय घोषित कर दिया जाता तो सफाई व्यवस्था के साथ बाजार का बहुमुंखी विकास होता। साथ ही रोजगार के लिए नये रास्ते भी खुलते। विकास को कौन कहे, यहां रहने वाले लोग पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा के लिए भी तरसते रहे हैं। बृजेश पांडेय ने कहा कि अगर जखनियां नगर निकाय बन जाय तो पानी की टंकी का निर्माण होगा और सड़कों की मरम्मत होगी। वहीं तहसील के एडवोकेट अशोक यादव, बाजार के राजू वर्मा, अंतू सिंह ने जखनियां को नगर पंचायत घोषित किये जाने की मांग करते हुए कहा कि इससे बाजार का विकास, जलनिकासी, साफ-सफाई की व्यवस्था दुरुस्त होगी। उधर, श्रीराम जायसवाल का कहना था कि जखनियां बाजार की आबादी छह हजार से अधिक है फिर निकट ग्राम पंचायत मदरा, कवला जखनियां, गौराखास को सम्मिलित कर आबादी का मानक बनाया जा सकता है। अब देखना यह है कि प्रदेश सरकार नगर इसे लेकर कितनी फिक्रमंद है।
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