सोमेश्वर महादेव : पूरी करते हैं मनोकामना
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : नगर के भगवान शिव का मंदिर लोगों के आस्था का केंद्र है। इस स्थान को लोग महादेवा के नाम से जानते हैं और भगवान शंकर को सोमेश्वर महादेव के नाम से। लोगों की ऐसी मान्यता है कि यहां से मांगी गईं मन्नतें जरूर पूरी होती हैं।
मनोकामना पूर्ण होने पर लोग सोमवार और शुक्रवार को भगवान शिव के अरघे को गुड़, चीनी के शर्बत, दूध या अन्न से भरते हैं। कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तथा महाशिवरात्रि को अखंड दीप जलाकर मनोकामना पूर्ण करने को लेकर विशेष प्रार्थना करते हैं। हर सोमवार को जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ होती है लेकिन सावन के सोमवार को मंदिर में काफी भीड़ होती है। जनश्रुतियों के अनुसार वर्तमान का मुहम्मदाबाद अतीत में धारानगर के नाम से जाना जाता था। किनारे गोलाघाट तेरहवीं सदी में व्यापारिक ठहराव का केंद्र था। यहां स्थित जंगल में चरवाहे अपने पशुओं को चराने जाते थे। एक बार एक चरवाहे ने निर्जन स्थान पर जमीन से धुंआ निकलते देखा। उसने इसकी जानकारी अन्य चरवाहों तथा आसपास के लोगों को दी। लोगों ने उस स्थान की खुदाई आरंभ की तो शिवलिंग दिखाई दिया। लोगों ने पुन: खुदाई आरंभ की किंतु जैसे-जैसे खुदाई होती गई, शिवलिंग अपने आप नीचे की ओर बढ़ता गया। अचानक खुदाई के दौरान किसी श्रमिक का फावड़ा शिवलिंग पर जा लगा और उसमें से रक्त की धारा निकलने लगी। लोगों ने खुदाई रोककर शिवजी की प्रार्थना की तथा वहां शिव मंदिर बनाकर पूजा पाठ शुरू कर दिया। आज भी शिवलिंग पर फावड़े से कटा निशान है। कालांतर में शिवजी का भव्य मंदिर बनाकर सामने नंदी की मूर्ति स्थापित की गई। बाबू महादेव प्रसाद के पूर्वजों ने मंदिर एवं मंदिर के गर्भगृह को भव्य स्वरूप दिया। प्रतिदिन सुबह व शाम भक्तों की भीड़ लगती है।
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