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    गाजियाबाद के मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत, अब MMG अस्पताल से नहीं रेफर किए जाएंगे गंभीर पेशेंट

    Updated: Tue, 14 Oct 2025 08:04 AM (IST)

    यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी ने यशोदा मेडिसिटी, हैदराबाद के साथ सहयोग किया है। अब आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों को यशोदा मेडिसिटी के विशेषज्ञों की राय और उपचार मिलेगा। टेलीमेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों से सलाह ली जाएगी, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। इस सहयोग से मरीजों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा मिलेगी।

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    एमएमजी जिला अस्पताल के आईसीयू में निरीक्षण करती टीम

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल के आइसीयू में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों का इलाज इंदिरापुरम स्थित यशोदा मेडिसिटी के सहयोग से होगा। इस संबंध में जल्द ही एक एमओयू साइन किया जाएगा। पहले चरण में सोमवार को यशोदा मेडिसिटी की तीन सदस्यीय टीम ने आइसीयू का दौरा करके वहां उपलब्ध मेडिकल संसाधन एवं जरूरी संसाधनों को लेकर पूरी जानकारी हासिल की।

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    इस मौके पर अस्पताल के सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि इससे मरीजों को काफी राहत मिलेगी। अस्पताल में पांच बेड की आइसीयू है। सहयोग के बाद आइसीयू डिजिटल हो जाएगी, जिससे आवश्यकता पड़ने पर तुरंत एक-दूसरे से सलाह ली जा सकेगी। इसके संचालन के लिए एक सेंट्रल रूम होगा और 24 घंटे इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध रहेगी, ताकि कार्य सुचारू रूप से चल सके।

    इससे निजी स्वास्थ्य सेवाओं के बीच की दूरी खत्म करने में मदद मिलेगी। यशोदा मेडिसिटी में अत्याधुनिक उपकरणों और अनुभवी विशेषज्ञों की सुविधा मौजूद है। दोनों अस्पतालों के चिकित्सक मिलकर गंभीर मरीजों को बेहतर और सुरक्षित इलाज प्रदान कर सकेंगे। 24 घंटे मरीजों की निगरानी होगी। अभी तक हालत बिगड़ने पर मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाता है।

    मरीजों के डेटा एक्सचेंज, वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सलाह और संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल होंगे। यह सहयोग सफल हुआ तो आइसीयू बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी। दिसंबर 2024 में शुरू किये गये आइसीयू में वेंटिलेटर बेड, मैनपावर , मशीनों के साथ ओटी के हिसाब से उपकरणों की कमी के चलते मरीजों को पूरी सुविधा नहीं मिल पा रही है।


    72 मालियों की उम्र जांचने को बोर्ड गठित


    नगर निगम में संविदा पर तैनात 72 मालियों की उम्र जांचने को मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। यह बोर्ड रोज पांच से दस मालियों की उम्र की जांच कर रहा है। पता चला है कि कोर्ट के आदेश पर बोर्ड का गठन किया गया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार उम्र के आधार पर वेतन वृद्धि तय की गई है।उम्र की जांच में एक्स-रे, दांतों की जांच और अन्य परीक्षण शामिल है। सीएमएस डा. राकेश कुमार सिंह ने बताया कि बोर्ड में एक रेडियोलाजिस्ट, एक आर्थोपेडिक, एक डेंटल विशेषज्ञ और सीएमओ शामिल हैं।