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    World AIDS Day 2025: गाजियाबाद में हॉट स्पॉट पर काबू में आया HIV, क्या हैं संक्रमण के लक्षण और मुख्य कारण?

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 09:09 AM (IST)

    विश्व एड्स दिवस 2025 पर गाजियाबाद में एचआईवी हॉट स्पॉट नियंत्रण में आया है। एचआईवी के लक्षणों में बुखार, थकान और वजन घटना शामिल हैं, जबकि असुरक्षित यौन संबंध और संक्रमित सुइयों का उपयोग मुख्य कारण हैं। बचाव के लिए सुरक्षित यौन संबंध और नियमित जांच ज़रूरी है। जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिले में एचआईवी संक्रमितों की संख्या में कमी आई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष एचएचआईवी के संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से कम हुई है। जिले में मुरादनगर, गुलधर फाटक, सदरपुर, सिकरोड़ा, खोड़ा, शहीदनगर दिल्ली बार्डर, विजय नगर, टीला मोड़, नंदग्राम और लाल कुआं एचआईवी के मद्देनजर हॉट स्पॉट हैं। स्वास्थ्य विभाग के जागरूकता अभियान के चलते इन हाट स्पाट पर संक्रमितों की संख्या कम हुई है।

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    जनपद गाजियाबाद में वर्तमान में एचआईवी का प्रचलन दर 0.188 प्रतिशत है। वर्तमान में 2,989 एचआईवी पाजिटिव व्यक्ति जनपद के एटीआर केंद्रों से नियमित जीवनरक्षक दवाएं ले रहे हैं। इस वर्ष में जनपद में 292 नए एचआईवी पाजिटिव मामले सामने आए। जिनमें से सभी 292 संक्रमितों को एटीआर से जोड़ा गया है।

    इनकी नियमित दवा और निगरानी की जा रही है। पिछले वर्ष दर्ज हुए एचआईवी सक्रमितों की संख्या चिंताजक थी। वर्ष 2024 में सबसे अधिक 1779 पुरूष एचआईवी संक्रमित पाए गये हैं। जबकि 671 महिलायें, 68 बच्चे और 27 ट्रासजेंडर भी एचआईवी संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य विभगा लगातार जागरूक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। हाट स्पाट पर लोगों को अधिक जागरूक किया जा रहा है।

    जिस वजह से हाट स्पाट पर संक्रमितों की संख्या में कमी आई है। इन स्थानों पर विशेष निगरानी के साथ जांच को शिविर लगाए जा रहे हैं। वर्ष 2020 से वर्ष 2022 के मध्य एचआईवी एड्स के संक्रमण में वृद्धि अधिक पाई गई थी। माना जा रहा है आने वाले समय पर एचआईवी संक्रमितों की संख्या तेजी से कम होगी।

    पांच वर्ष में मिले एचआईवी संक्रमितों का विवरण

    वर्ष कुल पुरुष महिला ट्रांसजेंडर बच्चे
    2020 349 239 98 5 7
    2021 445 315 109 5 16
    2022 655 466 164 6 19
    2023 543 389 141 4 9
    2024 563 370 159 7 17
    2025 292 नवंबर तक दर्ज किए गए संक्रमितों की संख्या


    इस तरह कम हो रही संक्रमितों की संख्या

    वर्ष 2023 से वर्ष 2024 के बीच सरकार द्वारा लिये गये कड़े कदम, नीतियां, गहन जांच तथा जन जागरूकता शिविरों से एड्स के संक्रमण में कमी आयी है।
    2024 में जनवरी से नवंबर के बीच 34 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाई गई, जिनके द्वारा 22 स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया गया है।
    एचआईवी संक्रमण के रोकथाम को जांच एवं जागरूकता कार्यक्रम जारी हैं।

    एचआईवी के लक्षण

    अकारण बुखार आना, वजन कम होना, दस्त एवं खांसी होना।

    एचआईवी के संक्रमण का मुख्य कारण

    असुरक्षित यौन संबंध, नशावृति में साझा की गई सुई, संक्रमित माता से शिशु में प्रसव के दौरान, एचआईवी संकमित रोगी का रक्त ग्रहण करना आदि।

    एड्स को जानें

    एड्स स्वयं कोई बीमारी नही है, पर इससे पीड़ित मानव शरीर संक्रामक बीमारियों, जो कि जीवाणु और विषाणु आदि से होती हैं। एड्स रोग एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, रोगग्रस्त व्यक्ति के खून से और ब्लड चढ़ाने के दौरान या नशे के लिए प्रयुक्त एक ही सिरींज की निडिल का प्रयोग करने से पहुंच जाते हैं।

    सीएमएस डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि एचआईवी को लेकर भय और भेदभाव दोनों को समाप्त करें। यदि कभी भी जोखिम महसूस हो तो बिना हिचक निश्शुल्क एवं गोपनीय जांच करवाएं।