आखिर किस बात से नाराज ग्रामीणों ने रोकी 'रन फॉर यूनिटी' रेस, लोगों ने किया घेराव तो भड़कीं BJP विधायक मंजू शिवाच
मोदीनगर में बंदरों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम को रोककर विधायक मंजू शिवाच का घेराव किया। ग्रामीणों ने बंदरों द्वारा किए जा रहे नुकसान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। विधायक ने एलआईयू की विफलता पर नाराजगी व्यक्त की, क्योंकि उन्हें प्रदर्शन की पूर्व सूचना नहीं थी।

रन फॉर यूनिटी के दौरान ग्रामीणों ने किया हंगामा। जागरण
जागरण संवाददाता, मोदीनगर। बंदरों की समस्या को लेकर ग्रामीणों के विरोध का शुक्रवार को जनप्रतिनिधियों को सामना करना पड़ा। जनप्रतिनिधि सुबह रन फार यूनिटी की शुरूआत करने पहुंचे। इसी बीच लोगों ने हंगामा कर दिया। जनप्रतिनिधियों का घेराव कर नारेबाजी की। अधिकांश के हाथ में लाठी-डंडे थे।
यात्रा को रोकने की कोशिश भी की। पुलिस ने किसी तरह स्थिति पर काबू पाया। पूरे प्रकरण में एलआइयू फेलियर सामने आया है। लोगों के विरोध का इनपुट एलआइयू ने मोदीनगर पुलिस को नहीं दिया। इस लापरवाही से शुक्रवार को बड़ा बवाल मोदीनगर में हो सकता था। इसपर मोदीनगर विधायक ने नाराजगी जताते हुए मोदीनगर पुलिस को फटकार लगाई है।
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर भाजपा की तरफ से रन फोर यूनिटी निकाली जाती है। शुक्रवार सुबह सीकरी खुर्द गांव में रेलवे फाटक के पास सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति पर माल्यार्पण कर रन फोर यूनिटी की शुरूआत की जानी थी। सुबह करीब 10 बजे विधायक मोदीनगर डा. मंजू शिवाच, भाजपा नेता, छात्र, पुलिसकर्मी व अन्य मौके पर पहुंचे गए। पुलिस सिविल ड्रेस में थी।
इसी बीच गांव से करीब 250 लोग मौके पर इकट्ठा हुए और हंगामा शुरू कर दिया। रन फार यूनिटी को रोकने के लिए छात्रों के सामने खड़े हो गए। भाजपा नेताओं के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। लोगों ने विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।मामला बढ़ता देख एसएचओ मोदीनगर ने किसी तरह लोगों को समझाकर शांत किया। करीब 15 मिनट तक हंगामा चला। जिसके बाद यात्रा रवाना हुई।
घटना से गुस्सा विधायक व अन्य भाजपा नेता कुछ ही देर बाद माेदीनगर थाने पहुंचे। यहां विधायक ने नाराजगी जाहिर की। शहर में एलआईयू फेलियर का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ के सामने मुद्दा उठाने की चेतावनी दी। विधायक ने एसएचओ से कहा कि एलआइयू शहर में सक्रिय नहीं है।
पहले से गांव में विरोध के बावजूद वहां पुलिस तैनात नहीं रहा। वहीं, मामले में एसीपी मोदीनगर का कहना है कि मौके पर मामला शांत करा दिया गया था। गांव में शांति है।
फेसबुक पर दी आंदोलन की चेतावनी
सीकरी खुर्द गांव में बदंरों का आतंक चल रहा है। एक महीने में 100 से अधिक लोग बंदरों के हमले से घायल हो चुके हैं। यहां नगरपालिका ने अभियान चलाकर कुछ बंदर पकड़े, लेकिन फिर भी बंदरों का आतंक कम नहीं हुआ। ऐसे में लोगों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ रोष है।
बृहस्पतिवार रात ही ग्रामीणों ने फेसबुक पर लाइव आकर आंदोलन की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी को यदि एलआइयू गंभीरता से लेता और पुलिस अधिकारियों को इस चेतावनी से अवगत कराया जाता तो शायद शुक्रवार को गांव में हंगामा ना होता। वहां पहले ही पुलिसबल तैनात कर दिया जाता। गनीमत रही कि पुलिस ने समय रहते स्थिति पर काबू पा लिया। वरना बड़ा बवाल भी हाे सकता था।
यह होता है नियम
किसी भी आयोजन के साथ वहां पर माहौल को लेकर जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी एलआइयू की होती है। इस जानकारी को स्थानीय पुलिस के साथ साझा की जाती है। यदि वहां पर माहौल बिगड़ने की आशंका है तो पुलिस बल तैनात किया जाता है।
लेकिन यहां पर बस एलआइयू ने पुलिस को बताया कि रन फोर यूनिटी को लेकर सीकरी खुर्द में कार्यक्रम है। वहां के लोगों में आक्रोश के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं दी गई। ऐसा पहले भी हो चुका है।


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