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    यूपी के इस जिले में बिजली विभाग का ताबड़तोड़ एक्शन, 45 घरों के कनेक्शन काटे; 29 लाख रुपये बकाया वसूला 

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 09:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग ने बकाया बिलों की वसूली के लिए कड़ा रुख अपनाया है। एक जिले में 45 घरों के बिजली कनेक्शन काटे गए और 29 लाख रुपये की वसूली की गई। विभाग ने उपभोक्ताओं से समय पर बिल भरने की अपील की है और चेतावनी दी है कि बकाया रहने पर आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

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    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गाजियाबाद जिले में बिजली बिल बकायेदारों के खिलाफ विभाग की कार्रवाई जारी है। इस क्रम में बिजली विभाग के 128 करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल जमा न करने पर 32 हजार से अधिक उपभोक्ताओं के खिलाफ आरसी जारी की है। सबसे ज्यादा बकायेदार लोनी और मुरादनगर क्षेत्र में है।

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    जिला प्रशासन ने दीवाली का पर्व बीतने के बाद सख्ती शुरू कर दी है। अकेले लोनी में अब तक 45 घरों के बिजली कनेक्शन काटे जा चुके हैं, 29 लाख रुपये का बकाया भी वसूली जा चुका है। अन्य बकायेदारों से भी जल्द ही बकाया भुगतान वसूलने की तैयारी है।

    एडीएम एफआर सौरभ भट्ट ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में अक्टूबर माह में बकाया राजस्व की वसूली के लिए अभियान शुरू किया गया है। सबसे ज्यादा बकायेदार मुरादनगर और लोनी क्षेत्र में हैं। प्राथमिकता के आधार पर बिजली के बकाया बिल की वसूली की जा रही है। अब तक लोनी क्षेत्र में सख्ती से कार्रवाई कर 45 घरों से बिजली कनेक्शन काटे गए हैं। तहसील मोदीनगर क्षेत्र में 13 घरों के बिजली कनेक्शन काटे गए हैं।

    घरेलू कनेक्शन के बढ़े दामों से उपभोक्ता हो रहे परेशान

    साहब झटपट पोर्टल पर आवेदन किया था, लेकिन आवेदन शुल्क 6016 रुपए जमा कराया जा रहा है। पहले तो केवल एक हजार रुपए जमा किए जाते थे। पटेल नगर निवासी रमेश शर्मा का, जो कनेक्शन के लिए उपकेंद्र पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि शासन की ओर से नए घरेलू कनेक्शन में जमा होने वाली फीस को बढ़ाया है।

    नए घरेलू कनेक्शन के लिए जब उन्होंने झटपट पोर्टल पर आवेदन किया, तो पता चला कि अब कनेक्शन शुल्क बढ़ाकर 6,016 रुपए कर दिया गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक यह राशि स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लागत के रूप में ली जा रही है, जो उपभोक्ताओं के घर कनेक्शन के समय लगाया जाएगा। वहीं विद्युत निगम ने उपभोक्ताओं को एकमुश्त शुल्क जमा करने में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए कुछ राहत भी दी है।

    निगम ने उपभोक्ताओं को शुल्क किश्तों में जमा करने का विकल्प दिया है। अधीक्षण अभियंता राहुल नंदा ने बताया कि नए नियमों के अनुसार झुग्गी-झोपड़ी व पटरी दुकानदार 150 रुपए प्रति माह की दर से 60 माह तक किश्तों में यह राशि चुका सकते हैं।

    वहीं यदि उपभोक्ता एक हजार रुपए की प्रारंभिक राशि जमा करते हैं तो शेष रकम 125 रुपए प्रति माह की दर से 60 माह में अदा की जा सकती है। अन्य उपभोक्ताओं को भी किश्तों में भुगतान की सुविधा दी गई है। वे स्मार्ट मीटर की राशि 12 समान किश्तों में जमा कर सकते हैं। हालांकि, इन किश्तों पर 12.50 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर लागू होगी।