फर्जीवाड़ा कर यूनियन बैंक से लिया दस करोड़ का लोन
दिल्ली की एक फर्म के संचालक ने फर्जीवाड़ा कर यूनियन बैंक की कौशांबी स्थित मिड कारपोरेट शाखा से दस करोड़ रुपये का लोन लिया है। इासके बाद लोन की रकम जमा नहीं कराई गई बैंक के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी हुई तो उन्होंने कौशांबी थाने में आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: दिल्ली की एक फर्म के संचालक ने फर्जीवाड़ा कर यूनियन बैंक की कौशांबी स्थित मिड कारपोरेट शाखा से दस करोड़ रुपये का लोन लिया है। इसके बाद लोन की रकम जमा नहीं कराई गई बैंक के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी हुई तो उन्होंने कौशांबी थाने में आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की कौशांबी स्थित मिड कारपोरेट शाखा से दिल्ली के सरस्वती विहार की फर्म मैसर्स मिक्सड बैग ओवरसीज ने वर्ष 2016 में 10 करोड़ रुपये का लोन लिया था। मार्च 2016 में बैंक ने रकम जारी कर दी। फर्म ने अपना कारोबार डाटा स्टोरेज डिवाइस का दिखाया था। फर्म ने अगले नौ महीने में ही बैंक से ली रकम को 20 से ज्यादा खातों में 108 बार में ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद बैंक को लोन नहीं चुकाया गया। बैंक ने नवंबर 2017 में मौके पर स्टॉक की जांच कराई तो स्टॉक नहीं पाया गया। इसके बाद बैंक ने बंधक रखी गई संपत्ति का मूल्याकंन दोबारा से कराया जिसमें संपत्ति का बाजार भाव बेहद कम आया। लोन जारी करने से पूर्व बैंक ने दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस की एक व्यवसायिक संपत्ति का मूल्यांकन ग्लोबल वैल्यूअर्स एंड एसोसिएटस से कराया था। जिसमें इस संपत्ति का बाजार भाव 9.35 करोड़ रुपये बताया गया । जबकि वर्ष 2018 में कराए गए दोबारा मूल्यांकन में संपत्ति का बाजार भाव 6.55 करोड़ रुपये आया। इसके बाद बैंक ने खाते को एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट) घोषित करने के साथ ही फ्रॉड घोषित कर दिया। बैंक ने वर्ष 2018 में बंधक रखी संपत्ति को कब्जे में लेकर उसकी नीलामी कर 6.79 करोड़ रुपये वापस प्राप्त किए। पूरे मामले में बैंक को 5.37 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यूनियन बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक बैजनाथ सिंह ने फर्म संचालक पीतमपुरा निवासी दीपक गुप्ता, वसुंधरा एंक्लेव निवासी अजय पाल, ग्लोबल वैल्यूअर्स समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ हमसाज होकर धोखाधड़ी करने के संबंध में केस दर्ज कराया है।