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जिले के दो जांबाजों के चलते शताब्दी एक्सप्रेस नहीं बन सकी थी बर्निग ट्रेन

हसीन शाह गाजियाबाद दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के एसी कोच में पांच दिन पहले हरिद्वार-देहरादून सेक्शन पर कांसरों के पास लगी आग को फैलने से रोकने व यात्रियों की जान बचाने में गाजियाबाद आरपीएफ के दो जांबाजों ने अहम भूमिका निभाई थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 09:10 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 09:10 PM (IST)
जिले के दो जांबाजों के चलते शताब्दी एक्सप्रेस नहीं बन सकी थी बर्निग ट्रेन
जिले के दो जांबाजों के चलते शताब्दी एक्सप्रेस नहीं बन सकी थी बर्निग ट्रेन

हसीन शाह, गाजियाबाद : दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस के एसी कोच में पांच दिन पहले हरिद्वार-देहरादून सेक्शन पर कांसरों के पास लगी आग को फैलने से रोकने व यात्रियों की जान बचाने में गाजियाबाद आरपीएफ के दो जांबाजों ने अहम भूमिका निभाई थी। इन दोनों जवानों के सूझ-बूझ व सतर्कता से कोच में सवार 35 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम ने दोनों जवानों को संरक्षा पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

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हेड कांस्टेबल कुशलपाल सिंह व कांस्टेबल रजनीश कुमार दिल्ली मंडल में कार्यरत हैं। दोनों 13 मार्च को गाड़ी संख्या 02017 शताब्दी एक्सप्रेस पर डयूटी पर थे। इस बीच इन्हें कुछ यात्रियों ने बताया कि कोच संख्या सी-5 से धुआं निकल रहा है। उसी दौरान ट्रेन में एसीपी (अलार्म चेन पुलिग) हो गई। दोनों जांबाज गाड़ी से उतरकर कोच की तरफ भागे। दोनों ने तुरंत गाजियाबाद आरपीएफ थाना प्रभारी पीकेजीए नायडू, कंट्रोल रूम मुरादाबाद व देहरादून को सूचना दी। ज्यादातर यात्री कोच से बाहर आ गए थे, लेकिन कुछ बुजुर्ग और महिलाएं कोच में रह गए थे। जब तक सहायता पहुंची, उससे पहले ही दोनों जवानों ने सभी यात्रियों को ट्रेन से बाहर निकाल लिया।

ज्यादातर यात्री अपने सामान को ट्रेन में ही छोड़कर भाग खड़े हुए थे। सामान को जलने से बचाना बड़ी चुनौती थी। दोनों जवानों ने रेलवे के अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर कोच से सामान को बाहर निकाला और आग बुझाना शुरू कर दिया। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने दोनों जवानों को संरक्षा पुरस्कार देकर सम्मानित किया है। इन दोनों के अलावा आग बूझाने में आगे रहे अन्य कर्मचारियों को भी सम्मानित किया गया है। बॉक्स..

ये था पूरा मामला

13 मार्च को दोपहर करीब साढ़े 12 बजे रायवाला जंक्शन से कुछ आगे जंगल में शताब्दी एक्सप्रेस के एसी कोच सी -5 अचानक आग लग गई थी। ट्रेन रायवाला जंक्शन से चलकर राजाजी टाइगर रिजर्व से होकर देहरादून की ओर बढ़ रही थी। आग भीषण हो चुकी थी। रेलवे स्टाफ ने तत्परता दिखाते हुए इंजन के बाद आठवें नंबर पर जुड़ी इस बोगी को अलग कर दिया था। इस तरह सात व पीछे की पांच अन्य बोगियों में आग फैलने से बच गई। जहां यह हादसा हुआ, वहां वन विभाग के रेंज कार्यालय व छोटे से रेलवे स्टेशन के अलावा कोई आबादी नहीं है। ऋषिकेश व डोईवाला से दमकल की छह गाड़ियां ने मौके पर पहुंचकर कोच में लगी आग को बुझाया। इस हादसे में कोच जलकर कबाड़ बन गया था।

वर्जन..

गर्व की बात है कि गाजियाबाद के दो जवानों ने जलती ट्रेन से यात्रियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साथ ही यात्रियों के ज्यादातर सामान को जलने से बचा लिया। दोनों को संरक्षा पुरस्कार मिला है।

-पीकेजीए नायडू, थाना प्रभारी, आरपीएफ


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