Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संगीत के सात सुरों से साध रहे शरीर के सात चक्र

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 20 Jun 2020 09:42 PM (IST)

    जासं गाजियाबाद विजय नगर के रहने वाले अनुज कुमार सात सुरों से सातों चक्रों को साधकर लोगो ...और पढ़ें

    Hero Image
    संगीत के सात सुरों से साध रहे शरीर के सात चक्र

    जासं, गाजियाबाद : विजय नगर के रहने वाले अनुज कुमार सात सुरों से सातों चक्रों को साधकर लोगों को स्वस्थ बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि शरीर के सातों चक्रों को साध लिया जाए तो इंसान सभी बीमारियों से मुक्ति पा सकता है। अनुज कुमार का कहना है कि योग और शास्त्रीय संगीत में शरीर के सातों चक्रों को साधने की शक्ति है। साथ ही संगीत से इंसान को पूरी तरह से अवसाद मुक्त बनाया जा सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    2004 से संगीत की शिक्षा ले रहे अनुज ने 2010 से दूसरों को शास्त्रीय संगीत सिखाना शुरू कर दिया था। उन्होंने योग से परास्नातक और शास्त्रीय संग से प्रभाकर किया है। अनुज ने बताया कि शास्त्रीय संगीत एक थैरेपी की तरह है जो जिससे विभिन्न रोगों को ठीक किया जा सकता है। योग और शास्त्रीय संगीत को साथ-साथ अपने जीवन में उतार लिया जाए तो इंसान को कभी अवसाद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि योग संगीत अध्यात्म का एक हिस्सा है। शास्त्रीय संगीत के सात सुर इंसान के शरीर के सात चक्रों की हीलिग करते हैं। सुबह में भक्ति राग का अभ्यास और योग करने से गंभीर बीमारी को ठीक किया जा सकता है। कोरोना काल में शास्त्रीय संगीत और योग की ओर रुख किया जाए तो इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता तो मजबूत होगी ही इंसान मानसिक रूप से भी मजबूत होगा। अनुज कुमार ने बताया कि लोग ऑनलाइन संगीत की क्लास लेने में रुचि नहीं ले रहे हैं वह फिलहाल ऑनलाइन योग ही करा रहे हैं। वह संगीत सिखाने के साथ संगीत से लोगों की बीमारियों का उपचार करते हैं। कितने ही लोगों को वह संगीत से अवसाद मुक्त बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने बहुत जगहों पर शास्त्रीय संगीत कला का प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन उनका मुख्य काम संगीत थेरेपी से लोगों का इलाज करना है। अनुज कुमार का कहना है कि कोई भी बीमारी इंसान के दिमाग से जुड़ी होती है। तनाव से ग्रसित लोग सबसे ज्यादा बीमारियों का शिकार होते हैं। वहीं जो लोग मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं वह शारीरिक रूप से भी कम ही बीमार होते हैं।