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    गाजियाबाद में 9 महीने में 5.84 करोड़ का भुगतान, फिर भी रोडवेज बसों का बुरा हाल

    Updated: Thu, 04 Dec 2025 09:52 AM (IST)

    साहिबाबाद डिपो की 146 बसों के रखरखाव के लिए एक निजी फर्म को 5.84 करोड़ रुपये दिए गए, फिर भी बसें मेंटेनेंस के इंतजार में हैं। नौ महीने में इतना भुगतान ...और पढ़ें

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    मेंटेनेंस के लिए खड़ी रोडवेज बसें। -जागरण

    राहुल कुमार, साहिबाबाद। यात्रियों को रोडवेज बसों की सेवा बेहतर मिल सके इसके लिए साहिबाबाद डिपो की बसों की जिम्मेदार निजी फर्म को दी गई थी। बीते नौ माह में 146 बसों की देखरेख लिए फर्म को 5.84 करोड़ दिए गए हैं। इसके बाद भी देखरेख के अभाव में बसें धूल फांक रही हैं। जबकि निगरानी की जिम्मेदारी परिवहन निगम के अधिकारियों को दी गई है।

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    मेंटेनेंस एजेंसी पर 14.36 लाख का लगाया जुर्माना

    हालांकि अधिकारियों ने भी बीते छह माह में जुर्माने के रूप में भुगतान (बिल) में से 14.36 लाख रुपये की कटौती की है। साहिबाबाद डिपो में कुल 146 रोडवेज बसें हैं। इनमें पिंक, जनरथ व साधारण बसें शामिल हैं। इन सभी बसों की देखरेख की जिम्मेदारी एक फरवरी को फर्म को दे दी गई थी। मुख्यालय ने इसका कारण निगम में कर्मियों की कमी के चलते मेंटेनेंस के अभाव को बताया था।

    मेंटेनेंस के अभाव में बसें आफरोड (खराब) रहती थीं। करीब नौ माह बीत जाने के बाद बसों की स्थिति में खास सुधार देखने को नहीं मिला है। फरवरी से अभी तक हर माह 50 से 80 लाख के बीच फर्म को भुगतान किया गया है। बावजूद इसके वर्तमान में अभी भी करीब 15 से 20 बसें डिपो में मेंटेनेंस के लिए खड़ी हुई हैं।

    वहीं अधिकारियों का कहना है कि पांच प्रतिशत बसें मेंटेनेंस के लिए खड़ी रह सकती हैं। कुछ बसें अन्य कारणों से भी खड़ी हुई हैं। वहीं, रूटों पर चलते हुए बसों के खराब होने व वर्कशाप में खड़े रहने से एक तरफ यात्रियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है, दूसरी ओर परिवहन निगम को भी राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जो जुर्माना लगाया जा रहा है उससे नुकसान की भरपाई नहीं हो पा रही है।

    फर्म 5.24 रुपये प्रति किलोमीटर लेती है शुल्क

    फर्म प्रत्येक बस की देखरेख के एवज में 5.24 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से शुल्क लेती है। हर माह फर्म का हिसाब कर दिया जाता है। साहिबाबाद डिपो की बसों का संचालन रोजाना औसतन 40 से 50 हजार किलोमीटर के बीच होता है। रोजाना बसों के रखरखाव पर परिवहन निगम करीब ढ़ाई लाख रुपये फर्म को देता है।

    बीते नौ माह में फर्म को किया गया भुगतान

    मास मूल्य
    फरवरी 52,00,000
    मार्च 74,00,000
    अप्रैल 64,50,000
    मई 69,68,000
    जून 53,45,000
    जुलाई 57,15,000
    अगस्त 73,15,000
    सितंबर 62,05,000
    अक्टूबर 78,15,000
    कुल 5,84,13,000

    बीते छह माह में जुर्माने के रूप में की गई कटौती 

    मास मूल्य (लाख)
    मई 1.25
    जून 2.10
    जुलाई 7.20
    अगस्त 1.21
    सितंबर 1.15
    अक्टूबर 1.45
    कुल 14.36

    साहिबाबाद डिपो में बसों की स्थिति

    • साधारण बसें 105
    • कुल पिंक बसें (एसी) 18
    • जनरथ बसें (एसी) 23
    • डिपो में कुल बसें 146

    शुरू के तीन माह छूट के बाद फर्म के बिल से हर माह जुर्माने के रूप में कटौती की जा रही है। बस कम चलने व आफरोड रहने पर बिल से कटौती की जा रही है। इसकी रिपोर्ट हर माह मुख्यालय को भेजी जाती है।


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    -बिजय चौधरी, सेवा प्रबंधक, यूपीएसआरटीसी