सड़क हादसों की सही लोकेशन जानने के लिए अस्पतालों में बनेगा रिकॉर्ड, परिजनों को मिलेगा ये फायदा
गाजियाबाद में सड़क दुर्घटनाओं के सटीक स्थान का पता लगाने के लिए अस्पतालों में रिकॉर्ड बनेगा। निजी अस्पतालों से घायलों का दैनिक विवरण लिया जाएगा। जिला सड़क सुरक्षा समिति ब्लैक स्पॉट कम करने और नए स्थानों की पहचान करेगी। सीएमओ ने अस्पतालों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। एम्बुलेंस भी ब्लैक स्पॉट की पहचान में मदद करेंगी।
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गाजियाबाद में सड़क दुर्घटनाओं के सटीक स्थान का पता लगाने के लिए अस्पतालों में रिकॉर्ड बनेगा।
मदन पांचाल, गाजियाबाद। अस्पताल सड़क दुर्घटनाओं का सटीक स्थान निर्धारित करने के लिए रिकॉर्ड रखेंगे। सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों में भर्ती सड़क दुर्घटना पीड़ितों की पूरी सूची तैयार की जाएगी। राष्ट्रीय राजमार्गों के पास स्थित निजी अस्पतालों से घायलों का दैनिक विवरण एकत्र करके एक पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। पहले चरण में, शहर के तीन प्रमुख निजी अस्पतालों को इस कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
नेहरू नगर स्थित यशोदा अस्पताल, एनएच-9 स्थित मणिपाल अस्पताल और वैशाली स्थित मैक्स अस्पताल। इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि सड़क दुर्घटनाएं कहां और कैसे हुईं। जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं के लिए चिह्नित ब्लैक स्पॉट की संख्या कम करने और नए ब्लैक स्पॉट की पहचान करने का निर्णय लिया गया। सीएमओ ने इस संबंध में सभी अस्पतालों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।
बताया गया है कि पहले जिला एमएमजी अस्पताल, संयुक्त अस्पताल, सीएचसी लोनी, संयुक्त अस्पताल डूंडाहेड़ा, सीएचसी डासना, बम्हेटा, मुरादनगर, मोदीनगर और सीएचसी भोजपुर से सड़क दुर्घटना के आंकड़े एकत्र किए गए थे। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों में विसंगतियों के कारण, निजी अस्पतालों से सड़क दुर्घटना का विवरण प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। अक्सर, जब किसी घायल की हालत गंभीर होती है, तो परिजन निजी अस्पतालों का रुख करते हैं।
नतीजतन, दुर्घटना का स्थान अनिश्चित रहता है। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने इस संबंध में निजी अस्पतालों को निर्देश जारी किए हैं, जिसके नोडल अधिकारी डॉ. पंकज हैं। आपात स्थिति में घायलों का सटीक और पठनीय विवरण उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। रेफर किए गए घायलों का फॉलो-अप भी अनिवार्य कर दिया गया है।
यह जानकारी प्रतिदिन तैयार की जाएगी। इसे पोर्टल पर ऑनलाइन फीड करना भी अनिवार्य होगा। जिले की सड़कों पर ब्लैक स्पॉट कम करने और नए स्थानों की पहचान करने के लिए एम्बुलेंस का भी उपयोग किया जाएगा। एम्बुलेंस घटनास्थल पर सबसे पहले पहुँचती हैं।

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