Road Accident: गाजियाबाद में 4 साल में 1219 लोगों की गई जान, सड़क हादसों की मुख्य वजह आई सामने
गाजियाबाद में पिछले चार सालों में सड़क हादसों में 1219 लोगों की जान गई है, जिनमें से 82% मौतें वाहनों के पीछे से टक्कर लगने या पैदल यात्रियों के सड़क पर आने से हुई हैं। एक अध्ययन में 96 ऐसे स्थान पाए गए जहां 276 मौतें हुईं, जिनके मुख्य कारण खराब सड़क डिजाइन, अपर्याप्त रोशनी और अतिक्रमण हैं। यातायात पुलिस इन हादसों को रोकने के लिए सुधारों पर विचार कर रही है।
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विनीत कुमार, गाजियाबाद। जनपद में चार साल में सड़क हादसों में 1219 लोगों की जान गई हैं, जिनमें से 82 प्रतिशत मौत वाहनों में पीछे से टक्कर लगने और वाहन के आगे पैदल यात्री आने की वजह से गई हैं। जनपद में चार साल में हुए सड़क हादसों को लेकर यातायात पुलिस ने एक एनजीओ से अध्ययन कराया।
अध्ययन रिपोर्ट में सामने आया कि 96 स्थान ऐसे हैं जहां 276 मौत हुई हैं। ट्रैफिक पुलिस हादसे वाले स्थानों में कैसे सुधार हो, हादसे रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं इसे लेकर मंथन कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि सड़क सुरक्षा समिति में शामिल होने वाले विभागों के साथ समन्वय कर हादसों में कमी लाने का प्रयास किया जाएगा।
96 महत्वपूर्ण स्थानों पर 276 दुर्घटनाओं की वजह
- अनियंत्रित मीडियन ओपनिंग (यू-टर्न के लिए बिना संकेत या नियंत्रण के खुले रास्ते)
- अपर्याप्त रोशनी / खराब स्ट्रीट लाइटिंग
- असंगत सड़क संरचना (जैसे संकीर्ण पुल, अचानक लेन खत्म होना आदि)
- सड़क किनारे अतिक्रमण
- असमान फुटपाथ / मिटे हुए या अस्पष्ट रोड मार्किंग
- नियमित सड़क रखरखाव कार्य की अनुपस्थिति
- बस स्टाप के पास ट्रक खड़े होने की जगह (ले-बाय) के कारण रास्ते में अवरोध
- बस स्टाप पर यात्री सुविधाओं की कमी
- खराब मोड़ या सड़क डिजाइन के कारण दृश्यता में बाधा
- अत्यधिक झाड़ियां/पेड़ (जो सड़क की दृश्यता को बाधित करते हैं)
- संकीर्ण कंधा (सड़क के किनारे की सुरक्षा पट्टी का अभाव या संकीर्णता)
- चौक, बस स्टाप आदि पर अनुशासनहीन पार्किंग (कार, बस आदि का अव्यवस्थित खड़ा होना)
ट्रैफिक के लिए तैयार किए जा रहे 50 पुलिसकर्मी
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कमिश्नरेट में विभिन्न थानों से 50 पुलिसकर्मियों को ट्रैफिक के लिहाज से तैयार कराया जाएगा। मौजूदा समय में करीब 750 ट्रैफिककर्मी कमिश्नरेट में हैं। अतिरिक्त पुलिसकर्मी ट्रैफिक के लिए मिलने पर रात्रिकालीन ड्यूटी भी लगाई जाएंगी। इन पुलिसकर्मियों को देर रात में हाइवे और एक्सप्रेसवे पर ऐसे स्थानों पर तैनात किया जाएगा जहां सड़क हादसे ज्यादा होते हैं।
चार साल में हुए सड़क हादसे
वर्ष सड़क हादसे मृत्यु घायल
2022 349 366 116
2023 363 382 120
2024 355 373 110
2025 96 98 30
अध्ययन में आए आंकड़ों को सड़क सुरक्षा समिति में शामिल सभी विभागों के साथ साझा किया जाएगा। सभी विभागों से समन्वय कर सुरक्षित यातायात के लिए योजना बनाकर काम कराया जाएगा।
आलोक प्रियदर्शी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त
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