संशोधित: 22 साल पुराना इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिग कालेज होगा बंद, छात्रों ने किया हंगामा
जागरण संवाददाता साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र साइट चार स्थित इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिग कालेज 2024-25 सत्र के बाद बंद हो जाएगा।

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : औद्योगिक क्षेत्र साइट चार स्थित इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिग कालेज 2024-25 सत्र के बाद बंद हो जाएगा। इसके विरोध में बृहस्पतिवार को 300 से अधिक छात्रों ने कालेज के गेट पर जमकर हंगामा किया। गुस्साए छात्रों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोड जाम कर धरना दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह प्लेसमेंट और शिक्षा की गुणवत्ता के लिखित आश्वासन की मांग करते रहे। एसडीएम और पुलिस की मौजूदगी में प्रबंधन के आश्वासन के बाद दोपहर एक बजे छात्रों ने धरना खत्म किया।
वर्ष 2000 में इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिग कालेज का पहला बैच शुरू हुआ था। कालेज की गिनती डा. एपीजे अब्दुल कलाम यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त प्रदेश के सबसे बेहतर कालेजों में होती है। इसमें बीटेक के सीएस, आइटी, मैकेनिकल, सिविल आदि कोर्स संचालित हो रहे हैं और बीटेक चारों वर्ष के 2410 छात्र पढ़ते हैं। पिछले सप्ताह प्रबंधन ने अचानक कालेज को 2024-25 सत्र के बाद बंद करने का निर्णय लिया। साथ ही कालेज ने नए सत्र 2022-23 के लिए दाखिले लेना बंद कर दिया है। कालेज बंद होने की जानकारी मिलते ही प्रथम वर्ष के छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने प्रबंधन पर भविष्य से खिलवाड़ का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार सुबह नौ बजे कालेज के गेट पर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। तख्ती और पोस्टरों पर प्रबंधन के खिलाफ नारे लिखकर लाए छात्रों ने रोड जाम कर दिया। सीओ साहिबाबाद अंशु जैन और एसएचओ लिक रोड बिजेश सिंह मौके पर पहुंचे और प्रबंधन से बात करवाने का आश्वासन देकर उन्हें सड़क से हटाया।
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भविष्य से खिलवाड़ का आरोप: छात्रों ने कहा कि कालेज बंद होने से शिक्षा की गुणवत्ता खराब हो जाएगाी। उन्हें प्लेसमेंट भी नहीं मिलेगी। स्पोर्ट्स भी पिछड़ जाएगा। कई शिक्षकों ने इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद प्रबंधन ने छात्रों को कालेज के अटल सभागार में बुलाया और उनके सवालों के जवाब दिए। एसडीएम विनय सिंह ने बताया कि प्रबंधन लिखित आश्वासन देने को तैयार हो गया है। अगले सोमवार को 12 बजे छात्रों के साथ बैठक कर उनकी सभी जिज्ञासाओं को शांत करेगा। प्रबंधन में सचिव और गाजियाबाद के वरिष्ठ समाजसेवी ललित जायसवाल भी कालेज पहुंचे और प्रबंधन के सदस्यों के साथ बैठक कर छात्रों को हर संभव सुविधा देने की बात कही।
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वर्जन
बीते कुछ सालों में इंजीनियरिग के छात्रों की संख्या लगातार कम हुई है। इसके चलते मानकों के अनुरूप कालेज स्टाफ के वेतन और कालेज मेंटेनेंस का खर्च उठाने में परेशानी आ रही है। इसके चलते कालेज को 2025 के बाद बंद करने का निर्णय लिया गया है। छात्रों को कोर्स खत्म होने तक हर सुविधा देना कालेज की जिम्मेदारी है और प्रबंधन इसे पूरा करेगा।
- डा. अजय कुमार, डायरेक्टर
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प्रबंधकों के कई अन्य हैं कालेज: इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिग कालेज प्रबंधन में गाजियाबाद के वरिष्ठ समाजसेवी ललित जायसवाल सचिव हैं तो प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री व विधायक अतुल गर्ग सदस्य हैं। गाजियाबाद के अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिग कालेज (एकेजीआइसी), कृष्णा इंजीनियरिग कालेज (केईसी) और कृष्णा इंस्टीट्यूट आफ इंजीनयरिग टेक्नोलोजी (केआइईटी) में भी ये दोनों प्रबंधन में सदस्य हैं। इसके बावजूद एक कालेज का बंद होना अब चर्चा का विषय बन गया है। हालांकि प्रबंधन का दावा है कि अगर कालेज के बंद होने तक शिक्षकों की कमी होती है तो प्रबंधन के इन कालेजों के शिक्षक छात्रों को शिक्षा देंगे।
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शासन से बदलेगा लैंडयूज:
साइट चार औद्योगिक क्षेत्र में कई औद्योगिक संस्थान बंद होने के बाद उनमें बैंक्वेट हाल और अन्य व्यवसायिक गतिविधियां अवैध रूप से चल रहीं हैं। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश झा ने बताया कि इंद्रप्रस्थ कालेज को रियायती दरों पर जमीन नहीं दी गई थी। अगर कालेज बंद होता है तो इसका भू उपयोग बदलने का अधिकार यूपीसीडा के पास नहीं है। शासन स्तर पर ही इसका भू उपयोग औद्योगिक में बदला जा सकेगा।
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शिक्षाविद् बोले:
शिक्षाविद् और एमएमएच कालेज के प्राचार्य डा. पीयूष चौहान ने बताया कि बीते कुछ सालों में इंजीनियरिग के प्रति युवाओं का रुझान कम हुआ है। इसका कारण यह है कि लाखों रुपये की फीस देकर भी छात्रों को महज 20-25 हजार की नौकरी मिल पाती है। सरकार ने आइआइटी और एनआइटी जैसे संस्थानों की संख्या बढ़ा दी है। इसके चलते बच्चों का रुझान प्राइवेट की जगह सरकारी संस्थानों की ओर बढ़ गया है। यही कारण है कि तमाम निजी कालेजों में लगातार सीटों के अनुरूप छात्रों की संख्या कम हो रही है। कई निजी कालेज बीते दो तीन सालों में बंद हुए हैं।
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