कबाड़ियों ने प्लेटफार्म को बना दिया रसोईघर
हसीन शाह गाजियाबाद नया रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को कबाड़ी रसोईघर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
हसीन शाह, गाजियाबाद : नया रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म को कबाड़ी रसोईघर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इन कबाड़ियों को रोकने के लिए रेलवे ने दीवार बनाई, तो कबाड़ी अपनी झुग्गियां प्लेटफार्म के करीब ले आए। वे अब झुग्गियों के करीब बकरी पालन भी करने लगे हैं। प्लेटफार्म पर उनका चूल्हा जलता रहता है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। दूसरी ओर बकरियां प्लेटफार्म पर गंदगी फैलाती हैं।
नया रेलवे स्टेशन पर काफी झुग्गी-झोपड़ी बनी थी। रेलवे इन झुग्गियों को हटाता था, पर कुछ दिन बाद फिर से झुग्गी बनकर तैयार हो जाती थी। रेलवे की भूमि पर अस्थाई दुकान बनी थी। रेलवे की तरफ से दुकान हटाने के कुछ दिन बाद फिर से दुकान लगनी शुरू हो जाती थी। रेलवे ने स्थाई तौर पर अतिक्रमण दूर करने के लिए नया रेलवे स्टेशन से एएलटी फ्लाईओवर तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी दीवार बनाई जा रही है। दीवार बनाने का काम करीब 90 फीसद पूरा हो चुका है, मगर यह दीवार उन्हें रोकने में नाकाम साबित हो रही है। दीवार बनाने के बाद भी कबाड़ियों ने अब प्लेटफार्म के करीब में झुग्गियां बना ली हैं। प्लेटफार्म को रसोईघर बना दिया है।
दीवार बनने के बाद बढ़ी ज्यादा मुसीबत
दीवार बनने से पहले लोग प्लेटफार्म पर भोजन नहीं बनाते थे, मगर दीवार बनने के बाद तो लोग प्लेटफार्म पर चूल्हा जला रहे हैं। रेलवे का नियम है कि प्लेटफार्म पर आग नहीं जलाई जा सकती है। कुछ कबाड़ी तो प्लेटफार्म के करीब रेलवे की भूमि पर बकरी पालने लगे हैं। इससे प्लेटफार्म पर गंदगी रहती है। अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा झुग्गियां बन चुकी हैं। दीवार बनाने से कबाड़ियों को ही फायदा हुआ है। कबाड़ी रेलवे की दीवार पर बांस-बल्ली रखकर ही झुग्गी बना रहे हैं। बिगड़ रही स्टेशन की सूरत
प्लेटफार्म के पास कबाड़ी रेलवे की भूमि पर कबाड़ जमा करते हैं। इससे स्टेशन की सूरत भी बिगड़ गई है। कबाड़ी दिन भर प्लेटफार्म की कुर्सियों पर बैठे रहते हैं। इससे यात्रियों को बैठने की जगह नहीं मिलती। आरपीएफ व जीआरपी के जवान मूकदर्शक बने हैं। वर्जन..
प्लेटफार्म पर चूल्हा नहीं जलाया जा सकता है। यदि कोई चूल्हा जला रहा है या अतिक्रमण कर रहा है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
-संजय सिंह, सीएमआइ