पीएम कुसुम योजना: कैसे कम होगी बिजली की खपत? जब खेतों की सिंचाई को गाजियाबाद में नहीं लगेंगे सोलर पंप
पीएम कुसुम योजना किसानों को सौर ऊर्जा पंपों से सिंचाई करने में मदद करने के लिए है, जिससे बिजली की खपत कम हो। गाजियाबाद में सोलर पंप नहीं लगने से किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस योजना का लक्ष्य कृषि क्षेत्र में बिजली की खपत को कम करना और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। सोलर पंप लगने से किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। पीएम किसान योजना के तहत जिले में पिछले तीन साल में खेतों की सिंचाई के लिए 163 सोलर पंप लगाए गए हैं। इस साल एक भी सोलर पंप नहीं लगाया गया है। इसकी वजह शासन से लक्ष्य आवंटित नहीं किया जाना है। ऐसे में सवाल है कि बिजली की खपत कैसे कम होगी, यदि सोलर पंप लगे तो बिजली की खपत भी कम हो सकती है और जिले में बिजली कटौती में सुधार हो सकता है।
पीएम किसान योजना के तहत खेतों की सिंचाई के लिए दो एचपी से लेकर दस एचपी तक के सोलर पंप किसान अपने खेतों में लगवा सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा किसानों को कुल लागत पर 60 प्रतिशत धनराशि सब्सिडी के रूप में दी जाती है।
किसान को पंप लगवाने के लिए पांच हजार रुपये की टोकन मनी और पंप लगवाने में आने वाली लागत का 40 प्रतिशत धनराशि जमा करनी होती है। जिले में पिछले तीन साल में पीएम कुसुम योजना के तहत 463 सोलर पंप लगवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया, इसके तहत 163 सोलर पंप लगवाए गए हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में सोलर पंप लगवाने के लिए लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है।
बिजली फ्री होने के कारण किसान भी नहीं ले रहे रूचि
खेतों में सिंचाई के लिए जिले में ज्यादातर बिजली से चलने वाले पंप लगे हैं। सरकार ने पिछला बकाया भुगतान करने वाले किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देना शुरू कर दिया है। ऐसे में किसान अब सोलर पंप लगवाने में रूचि नहीं ले रहे हैं।
शासन से इस बार पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगवाने के लिए लक्ष्य आवंटित नहीं किया गया है, इसलिए आवेदन नहीं मांगे गए हैं। लक्ष्य आवंटित होने पर किसानों से आवेदन लिए जाएंगे और किसानों की मांग के अनुसार सोलर पंप लगवाए जाएंगे।
- राम जतन मिश्र, उप कृषि निदेशक
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