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    ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को लेकर आज से नया नियम लागू, अब सिम्युलेटर की परीक्षा से गुजरना होगा

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 08:40 AM (IST)

    आज से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए नया नियम लागू हो गया है। आवेदकों को अब सिम्युलेटर परीक्षा से गुजरना होगा, जिससे ड्राइविंग कौशल का मूल्यांकन होगा। इस नियम का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ाना और सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है। सिम्युलेटर टेस्ट चालकों को वास्तविक परिस्थितियों में बेहतर प्रतिक्रिया देने की क्षमता प्रदान करेगा।

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    ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए नई व्यवस्था शुरू। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। जिले में आज यानी एक दिसंबर से ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए कठिन परीक्षा से गुजरना होगा। संभागीय परिवहन विभाग का जिले में पहला प्रत्यायन चालन प्रशिक्षण केंद्र (एडीटीसी) एक दिसंबर से शुरू हो जाएगा। यहां आवेदक का ड्राइविंग टेस्ट अत्याधुनिक तरीके से कराया जाएगा।

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    108 कमरों से वाहन चलाने की पल-पल की गतिविधि रिकार्ड होगी। आवेदक को सिम्युलेटर की परीक्षा से भी गुजरना होग। सिम्युलेटर और कैमरों की रिकॉर्डिंग का अवलोकन करने के बाद ही आवेदक टेस्ट में पास या फेल होगा। माना जा रहा कि एडीटीसी पर प्रशिक्षण लोग ही टेस्ट पास कर पाएंगे।

    एडीटीसी में लगाए गए 108 कैमरे

    अभी तक संभागीय परिवहन कार्यालय में मैनुअल ही ड्राइविंग टेस्ट लिया जाता था। टेस्ट लेने के नाम पर खानापूरी होती है। इससे वह लोग भी टेस्ट में पास हो जाते थे जो वाहन चलाना नहीं जानते। इससे सड़क हादसों में इजाफा हो रहा है। गाजियाबाद में प्रतिदिन औसतन 225 लोगों का मैनुअली ड्राइविंग टेस्ट होता है। विभाग की ओर से अत्याधुनिक ड्राइविंग टेस्ट के लिए एडीटीसी बनवाया गया है। एडीटीसी में 108 कैमरे लगाए गए हैं। सेंटर का संचालन की जिम्मेदारी निजी एजेंसी को दी गई है। एजेंसी की देखरेख में टेस्ट होगा।

    वहीं, टेस्ट में पास या फेल करने की जिम्मेदारी विभागीय अधिकारियों की होगी। चालक द्वारा गाड़ी चलाते समय उसकी हर गतिविधि की वीडियो रिकार्ड होगी। आवेदक को गाड़ी चलाने के साथ यातायात के सभी नियमों की जानकारी होनी चाहिए। यदि वाहन चलाने के साथ उसे प्रत्येक नियम की जानकारी है तो ही वह टेस्ट में पास हो जाएगा।

    दलालों की फौज पर लगेगी रोक

    ड्राइविंग टेस्ट में पास कराने के लिए बड़ी संख्या में दलाल संभागीय परिवहन कार्यालय के बाहर बैठे रहते हैं। दलाल बिना टेस्ट लिए ही आवेदक से पास कराने का दावा करते हैं। इसकी एवज में वह मुंह मांगे पैसे मांगते हैं। एडीटीसी के शुरू होने पर कार्यालय के बाहर से दलालों की संख्या कम होगी। सेंटर पर 108 कैमरों का वीडियो रिकार्ड सुरक्षित रखा जाएगा। इसे भविष्य में कभी चेक किया जा सकता।

    50 प्रतिशत कम होंगे टेस्ट

    वर्तमान में प्रति माह 5000 से अधिक लोगों को टेस्ट लिए जाते हैं। माना जा रहा है कि एडीटीसी में 50 प्रतिशत टेस्ट लेने वालों की संख्या कम हो जाएगी। क्योंकि एक-एक व्यक्ति का नियम के अनुसार टेस्ट होगा। इससे वेटिंग की समस्या बढ़ सकती है। लोगों को टेस्ट के लिए लंबी तारीख न मिले इस पर भी मंथन किया जा रहा है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि वेटिंग की समस्या नहीं होगी।

    क्या है सिम्युलेटर?

    सिम्युलेटर एक वास्तविक कार की प्रतिकृति है। इसमें स्टेयरिंग व्हील, गियर, ब्रेक, पैडल, संकेतक और स्विच और गति नियंत्रण लगा होता है। सिम्युलेटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित होती है। इससे ड्राइविंग व्यवहार के अध्ययन करने की प्रयोगशाला भी कह सकते हैं।

     

    एक दिसंबर से एडीटीसी शुरू हो जाएगा। इसका संचालन निजी एजेंसी करेगी। जिसको वाहन चलाना आता है और उसे यातायात के नियमों की जानकारी है वहीं टेस्ट में पास होगा।

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    - मनोज कुमार सिंह, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी