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    HarnandiPuram Township: गाजियाबाद में घर बसाने का मौका, GDA की नई टाउनशिप का काम हुआ शुरू

    Updated: Mon, 14 Oct 2024 09:33 AM (IST)

    गाजियाबाद में आशियाना बसाना चाह रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने हरनंदी पुरम टाउनशिप पर काम शुरू कर दिया है। जीडीए ड्रोन सर्वे से स्थायी और अस्थायी निर्माण का आकलन कर रहा है। योजना को परवान चढ़ाने के लिए खाली जमीन देखी जा रही है। 16 अक्टूबर को टेंडर खोले जाएंगे। इसके बाद किसानों से जमीन खरीदी जाएगी।

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    Ghaziabad Housing Scheme: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए)। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। हरनंदी पुरम टाउनशिप विकसित करने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने स्थायी और अस्थायी निर्माण आंकना शुरू कर दिया है। इसके बाद किए गए निर्माण को माना जाएगा। जीडीए सचिव इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए नोडल अधिकारी बनाए गए हैं।

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    ड्रोन कराया गया भूमि का सर्वे

    हरनंदी पुरम टाउनशिप को विकसित करने के लिए जीडीए वीसी अतुल वत्स ने प्लानिंग कर इसको धरातल पर उतारने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। इसके तहत ड्रोन सर्वे कराकर चिह्नित भूमि का सर्वे कराया जा चुका है। इब इसका ड्रोन से ही स्थायी और अस्थायी निर्माण के अलावा खाली पड़ी भूमि को भी देखा जा रहा है।

    पीले घेरे में हरनंदीपुरम का प्रस्तावित हिस्सा। फोटो सौ. जीडीए

    16 अक्टूबर को खोले जाएंगे टेंडर

    इस जमीन को चिह्नित कर रिपोर्ट तैयार होगी। फिर यदि कोई इस जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। योजना को आगे बढ़ाने के लिए अब प्राधिकरण ने टेंडर निकाले हैं, जो 16 अक्टूबर को खोले जाएंगे।

    टाउनशिप के नोडल अधिकारी जीडीए सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन की मंजूरी मिलने के बाद टाउनशिप के लिए जमीन की दर का निर्धारित की जाएगी। भूमि अधिग्रहण के लिए पहले धारा 11 का कार्य किया जाएगा।

    किसानों से जमीन खरीदेगा प्राधिकरण

    इसके बाद उस क्षेत्र में कोई जमीन की खरीद फरोख्त नहीं कर सकेगा। प्राधिकरण किसानों के साथ वार्ता कर जमीन खरीदेगा। जमीन की कीमत तय करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में बनी कमेटी के समक्ष प्रस्ताव भेजा जाएगा।

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    कम आबादी वाले 55 गांवों की तस्वीर में भरे जा रहे 'विकास के रंग'

    जब गाजियाबाद जिले के विकास की बात की जाती है सबसे पहले गांवों की तस्वीर देखी जाती है। जिले 55 गांवों को आदर्श बनाने के लिए चिह्नित किया गया है। यह गांव कूड़ा निस्तारण और पानी की बचत करने में अव्वल बन जाएंगे।

    इन गांवों में कूड़ा संग्रहण व पृथकीकरण, नाली, सोख्ता गड्ढा, सेनेटरी इंप्रूवमेंट, सीमेंट के डस्टबिन, कूड़ा वाहन, कंपोस्ट पिट, सामुदायिक कंपोस्ट पिट, स्वच्छता किट, एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि काम बराए जा रहे हैं। यह काम तेजी से चल रहा है। हालांकि 100 गांवों में पहले से यह काम चल रहा है।

    स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस - दो योजना के तहत जिले के 55 गांवों को ओडीएफ प्लस और आदर्श बनाया जा रहा है। पंचायती राज विभाग की ओर से 2.13 करोड़ रुपये का बजट ग्राम पंचायतों को दिया गया है। इस बजट से काम शुरू हो चुका है।

    जिले में सौ गांवों को आदर्श गांव बनाने के लिए पहले ही बजट जारी कर दिया गया था, जिसके आधार पर कार्य कराया गया है। कम आबादी वाले 55 गांवों को आदर्श गांव बनाने के लिए शासन से बजट की मांग की गई थी। शासन की ओर से चयनित ग्राम पंचायतों को बजट जारी कर दिया गया है।

    कुल 155 गांवों में चल रहा है काम

    पहले फेज के 100 गांवों में काम चल रहा है। बाद में कम आबादी वाले 55 गांव चयनित किए गए थे। इस तरह कुल 155 गांवों में काम चल रहा है। कम आबादी वालों गांव में जो काम चल रहा है उन्हें आदर्श गांव के रूप में देखा जा रहा है। 

    पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित होंगे गांव

    कम आबादी वाले गांव में पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित होंगे। बाहर से आने वाले लोगों को इन गांवों का विजिट कराया जाएगा। गांव की साफ-सफाई और पौधारोपण भी ध्यान दिया जाएगा। इन गांवों में कूड़ा किसी स्थान पर नहीं दिखाई देगा।