गाजियाबाद में प्रसव के बाद प्राइवेट अस्पताल में महिला की मौत, जांच के आदेश जारी
गाजियाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के बाद महिला की मौत हो गई। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। विजयनगर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में प्रसव के बाद महिला की मौत के प्रकरण में स्वास्थ्य विभाग ने जांच के आदेश जारी कर दिए। इस संबंध में स्वजन ने सीएमओ के अलावा पुलिस अधिकारियों को लिखित शिकायत थी। पुलिस भी इस प्रकरण में अलग से जांच कर रही है। शिकायत में स्वजन ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। साथ अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
प्रताप विहार सेक्टर-12 के रहने वाले आयुष कौशिक की पत्नी साक्षी शर्मा को सामान्य प्रसव के लिए चार मई को उक्त प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आयुष कौशिक के अनुसार रात में डॉक्टर ने सिजेरियन प्रसव कराने पर जोर दिया। आपरेशन से पांच मई को सुबह साढ़े चार बजे पत्नी साक्षी शर्मा ने एक बेटे को जन्म दिया ।आपरेशन के कुछ देर बाद ही साक्षी शर्मा की तबीयत खराब होने लगी। गई।
रिकॉर्ड में साक्षी शर्मा का रक्तचाप कम होना लिखा गया
डॉक्टर को कई बार बताया गया। रात को डॉक्टर ने आकर देखा और बताया कि टांकों का दर्द है। साक्षी शर्मा की हालत धीरे-धीरे खराब होने लगी। छह मई को भी साक्षी शर्मा की यही हालत रही। अस्पताल के रिकॉर्ड में साक्षी शर्मा का रक्तचाप कम होना लिखा गया। मरीज की हालत बताने के बावजूद चिकित्सकों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। कुछ देर बाद बताया कि मरीज को नींद का इंजेक्शन लगा दिया और वह सो रही है।
दोपहर को साक्षी शर्मा का बीपी रिकार्ड नहीं होने पर उसे सीपीआर दिया गया और बताया कि मरीज को गंभीर स्थिति होने पर सीपीआर दिया गया है। चिकित्सकों ने परिवार के किसी भी सदस्य को कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। मरीज को देखने के बाद दूसरे डॉक्टर को बुलाया गया। जिसके बाद दोपहर करीब तीन बजे मरीज को नेहरू नगर स्थित एक अन्य प्राइवे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। इस अस्पताल में पहुंचते ही साक्षी शर्मा को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
प्राइवेट चिकित्सकों के लाइसेंस रद्द कराने की मांग की गई
स्वजन का आरोप है कि महिला की मौत पहले ही हो चुकी थी। आरोप लगाया गया है कि विजयनगर के प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा इलाज में लापरवाही बरतने से महिला मरीज की जान गई है। मामले में सीएमओ से शिकायत करते हुए अस्पताल व प्राइवेट चिकित्सकों के लाइसेंस रद्द कराने की मांग की गई है। उधर इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने जांच के लिए समिति गठित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी
जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। पिछले एक साल में जिले में प्रसव के दौरान अथवा बाद में 29 महिलाओं की मौत हो चुकी हैं। इनका डेथ आडिट किया जा रहा है। हाई रिस्क प्रिग्नेंसी को लेकर स्वास्थ्य विभाग की निगरानी कमजोर हो रही है। यदि इसको लेकर पहले से ही जांच एवं इलाज बेहतर हो जाये तो प्रसव के दौरान होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। गर्भवती महिलाओं की निश्शुल्क जांच को प्रति माह एक, नौ, 16 और 24 तारीख को शिविर लगाए जाते हैं।

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