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    Heat Wave क्या है और इससे कैसे बचें? गाजियाबाद समेत UP के 25 जिले अतिसंवेदनशील घोषित

    Updated: Sun, 13 Apr 2025 10:35 AM (IST)

    गाजियाबाद समेत उत्तर प्रदेश के 25 जिले हीट वेव के प्रति अतिसंवेदनशील घोषित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन लोगों को लू से बचाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। हीट वेव के लक्षणों से बचने के लिए पानी खूब पिएं धूप में निकलने से बचें और हल्के कपड़े पहनें। किसी भी परेशानी होने पर स्वास्थ्य विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें।

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    हीट वेव से बचाव को खूब पीएं पानी, धूप में कतई न निकलें

    मदन पांचाल, गाजियाबाद। एनसीआर का तापमान तेजी से बढ़ रहा है। गाजियाबाद समेत प्रदेश के 25 जिले हीट वेव को लेकर अतिसंवेदनशील घोषित किए गए हैं। बजट आवंटित करते हुए कोल्ड रूम बनाये जा रहे हैं। पिछले साल हीट स्ट्राक के 656 केस सामने आए थे और आन रिकॉर्ड 21 लोगों की मौत हुई थी।

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    मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग मार्च और अप्रैल में ही सक्रिय हो गया है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में हीट वेव से परेशान लोग पहुंचने लगे हैं।

    ऐसे में बचाव को लेकर बेहद सावधानी बरतने और बेहतर देखभाल की जरूरत है। इसी को लेकर दैनिक जागरण के मदन पांचाल ने जिला एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संतराम वर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश।

    हीट वेव क्या है और इसके लक्षण क्या-क्या हैं?

    हीट वेव असामान्य रूप से गर्म मौसम की अवधि है जो आम तौर पर दो या अधिक दिनों तक चलती है। गाजियाबाद का तापमान 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। ऐसे में हीट वेव(लू) चलने लगी हैं। हीट स्ट्रोक की बीमारी तब होती है, जब शरीर का तापमान 104°F (40°C) या इससे अधिक तक पहुंच जाता है।

    ऐसा तब होता है, जब तीव्र शारीरिक गतिविधि या लंबे समय तक गर्मी का संपर्क शरीर को पसीने के जरिए ठंडा होने से रोकता है। भ्रम, ऐंठन और बेहोश होना हीट स्ट्रोक के कुछ लक्षण हैं। कई बार यह जानलेवा भी हो सकता है।

    हीट वेब के लक्षण क्या हैं?

    हीट वेव से लोगों को चक्कर आना, सिर दर्द, उबकाई, पसीना आना, मूर्छा आना, शरीर में पानी की कमी दस्त होना, उल्टी, पेट दर्द जैसे रोग होने लगते है। ऐसे में तुरंत डाक्टर को दिखाना जरूरी है। अधिक से अधिक पानी पीएं, यात्रा के दौरान पानी जरूर पीएं, ओआरएस का घोल साथ रखें।

    हीट वेव से बचाव को क्या करना चाहिए ?

    हल्के, हल्के रंग के, ढीले और छिद्रयुक्त सूती कपड़े पहनने चाहिए। धूप में बाहर जाते समय शरीर को गर्मी से बचाने के लिए चश्मा, छाता,टोपी, जूते या चप्पल का उपयोग करें। यात्रा करते समय अपने साथ पानी रखें। शराब, चाय, काफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय से बचें, जो शरीर को निर्जलित करते हैं।

    पानी पीते रहें प्यास न लगे तब भी बार-बार पानी पीते रहें। एक्सरसाइज से बचें। जब बाहर का तापमान ज्यादा हो तो ज्यादा मेहनत वाली व्यायाम करने से बचें। प्रोटीन का सेवन कम कर दें। संभव हो तो दिन के सबसे गर्म समय में बाहर न जाएं।

    गतिविधियों को दिन में पहले या बाद में व्यवस्थित करने का प्रयास करें जब मौसम ठंडा हो। बाहर जाते समय, सनस्क्रीन लगाएं और छाया में रहने का प्रयास करें ।गर्मियों के मौसम में पसीना सुखाने के लिए सूती के कपड़े ही पहनना चाहिए। पानी युक्त फलों का सेवन करें।

    हीट वेव से बचाव को फील्ड में काम करने वाले युवाओं का क्या करना चाहिए है?

    गर्मियों में निर्माण कार्य सबसे अधिक होते हैं। ऐसे में कामगारों को सुबह और शाम ही काम करना चाहिए। शरीर को पूरा ढककर ही काम करें। खाली पेट काम न करें। प्यास न भी लगे तो भी पानी जरूर पीते रहें।थकान होने पर पेड़ की छाया में या पंखे के नीचे बैठकर आराम जरूर करें।

    त्वचा को गीला रखें, स्प्रे बोतल या नम स्पंज का उपयोग करें और ठंडे पानी से स्नान करें। बाहर काम करने को तापमान का अपडेट लेकर ही निकलें। युवाओं के साथ ही स्कूलों में बच्चों को आधे घंटे के अंतराल पर पानी पिलाने का अलार्म जरूर बजाया जाये। जिम जाना बंद कर दें।

    हीट वेव के दौरान खानपान को लेकर क्या सावधानी बरतनी चाहिए?

    भारी, चिकना या मसालेदार भोजन सुस्त और गर्म महसूस करा सकता है, इसलिए इनसे बचना सबसे अच्छा है। इसके बजाय, हल्के, ताज़गी भरे भोजन का विकल्प चुनें जो पानी की मात्रा और आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर हों।

    ये खाद्य पदार्थ न केवल आपको ठंडा रखने में मदद करेंगे बल्कि गर्मी के दिनों में ज़रूरी ऊर्जा भी प्रदान करेंगे। इनमें खरबूज, खीरा, तरबूज, ककडी, बेल पत्थर का जूस, मौसमी, पपीता,सेव,आम का पना और अंगूर शामिल हैं। सब्जियों में घिया, तुरई, पेठा, दाल और गाजर का सेवन करें।

    गंभीर रुप से बीमार और प्रतिरोधक क्षमता कमजोर वाले लोगों को क्या करना चाहिए?

    गर्मियों में गंभीर रुप से बीमार लोगों को सुबह शाम टहलना जरूर चाहिए। धूप बढ़ने पर केवल आराम करना चाहिए। घर पर पंखे में रहे और बार-बार पानी पीते रहे। दवाओं का नियमित लेते रहे। बाहर का और रात का खाना कतई न खाये। चिकित्सक से सलाह लेने पर ही बाहर निकलें। दवाएं साथ रखें।

    स्वास्थ्य संबंधी किसी भी परेशानी के लिए डिप्टी सीएमओ डॉ. राकेश कुमार गुप्ता 8090002018 और सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन के मोबाइल 9454455188 पर कॉल करें।

    जिला एमएमजी, संयुक्त अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, सीएचसी लोनी, डासना, भोजपुर, बम्हैटा, मोदीनगर, मुरादनगर के अलावा 97 उप स्वास्थ्य केंद्र और 54 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर निश्शुल्क जांच करा सकते हैं। प्रसव पीडा होने पर एंबुलेंस के लिए 102 और 108 नंबर मिला सकते हैं।

    स्वास्थ्य विभाग की लोगों से अपील

    • नंगे पैर घरों से बाहर नहीं निकले
    • अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ के प्रयोग करने से बचें
    • बासी भोजन का प्रयोग न करें
    • बच्चों तथा पालतू जानवरों को खड़ी गाड़ियों में नहीं छोड़ें
    • गहरे रंग और तंग कपड़े नहीं पहने
    • शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि का उपयोग करने बचें
    • हर 20 मिनट बाद पानी पिएं
    • कर्मचारी सीधे सूर्य की रोशनी में काम करने से बचे छाया में काम करें
    • तापमान अधिक होने पर कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि करें
    • गर्भवती महिलाओं, बीमार व्यक्ति अधिक तापमान में काम करने के लिए चिकित्सक से सलाह के बाद काम करें।