मधुबन बापूधाम में बनेगा 45 करोड़ की लागत से ‘विकसित भारत पार्क’, साढ़े छह एकड़ की भूमि पर होगा निर्माण
गाजियाबाद में जीडीए 45 करोड़ रुपये की लागत से विकसित भारत पार्क बना रहा है। यह पार्क मधुबन बापूधाम योजना में साढ़े छह एकड़ भूमि पर बनेगा। पार्क में भारत के भविष्य उपलब्धियों और विजन 2047 को दर्शाया जाएगा। यहां पांच नवोन्मेषी जोन होंगे जिसमे भारत 2047 डोम यात्रा डिजिटल भारत का विजन और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर प्रदर्शनियां होंगी।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के प्रवेश द्वार गाजियाबाद को जीडीए ने एक अनूठा उपहार देने की शुरूआत की है। मधुबन बापूधाम योजना में करीब साढ़े छह एकड़ भूमि पर 45 करोड़ रुपये की लागत से विकसित भारत पार्क तैयार किया जाएगा। इस पार्क की खासियत यह विकसित भारत थीम पर आधारित होगा और इसमें आने वाले लोग देश के भविष्य की यात्रा, उपलब्धियों और विजन 2047 का अनुभव करेंगे।
प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार विकसित भारत पार्क को पांच नवोन्मेषी जोन में विभाजित किया जाएगा, जिसमें भविष्य भारत पैवेलियन खास आकर्षण होगा। इसमें भारत 2047 डोम यात्रा के तहत देश का विकास और भविष्य की झलक दिखाई देगी।
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से स्मार्ट और डिजिटल भारत का विजन के साथ ही नेट कार्बन जीरो 2070 के तहत पर्यावरण संरक्षण का लक्ष्य नजर आएगा। चंद्रमा लैंडिंग के रूप में भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियां दिखाई देंगी। पार्क में यह सभी व्यवस्थाएं लोगों के अनुभव को बेहतर बनाने के साथ ही बच्चों को खेल-खेल में भारत की विकास यात्रा को समझने का अवसर प्रदान करेंगी।
पार्क में आधुनिक शहरी सुविधाओं को प्राथमिकता
- एंट्री प्लाजा और सिंथेटिक रनिंग ट्रैक
- सार्वजनिक शौचालय और पेयजल बिंदु
- स्मार्ट लाइटिंग व अन्य स्मार्ट सुविधाएं
- वाकिंग व साइकिल ट्रेल्स
- बच्चों के खेलने का स्थान और जल संरचनाएं
- थीम आधारित इंस्टालेशंस
विशेष आकर्षण
- पूरे एनसीआर में अपनी तरह का पहला थीम आधारित पार्क
- परिवारों के लिए मनोरंजन और स्वास्थ्य दोनों का केंद्र
- बच्चों के लिए शिक्षा और खेल का अनोखा संगम
यह पार्क न केवल एनसीआर का अनूठा आकर्षण बनेगा बल्कि प्रदूषण की समस्या को कम करने में भी मददगार साबित होगा। आसपास के परिवारों को एक नया और स्वस्थ वातावरण मिलेगा। प्राधिकरण स्पेशलिस्ट कंसलटेंट्स से सुझाव ले रहा है ताकि पार्क को विश्वस्तरीय स्वरूप दिया जा सके। - अतुल वत्स, वीसी जीडीए
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