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    गाजियाबाद में 12 दिन में तीन महिलाओं की मौत से सनसनी, मामला छिपाने में जुटे अधिकारी; नोटिस जारी

    Updated: Sat, 05 Apr 2025 05:29 PM (IST)

    गाजियाबाद के जिला महिला अस्पताल में 12 दिनों के भीतर तीन महिलाओं की मौत ने सनसनी फैला दी है। घटना के बाद आरोप है कि अधिकारी मामले की जांच तो दूर इसे छ ...और पढ़ें

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    12 दिन में तीन महिलाओं की मौत, जांच तो दूर छिपाने में जुटे अधिकारी।

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। लेबर रूम में कानून के अनुसार सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए जा सकते हैं, इसी का लाभ उठाकर चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी मनमानी करते हैं। लापरवाही भी बरतते हैं। इसी का परिणाम है कि पिछले 12 दिन में जिला महिला अस्पताल में प्रसव को भर्ती कराई गईं तीन महिलाओं की मौत जीटीबी पहुंचने पर हुई है।

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    जिला महिला अस्पताल से अंतिम चरण में उक्त तीनों महिलाओं को रेफर किया गया था। जांच तो दूर अधिकारी और चिकित्सक इन मौतों को छिपाने में लगे हुए हैं। सीएमएस डॉ. अल्का शर्मा का कहना है कि लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करूंगी। नोटिस जारी कर लेबर रूम में तैनात पूरे स्टाफ का स्पष्टीकरण मांगा गया है।

    उन्होंने बताया कि तीनों महिलाओं को भर्ती करने, प्रसव कराने और रेफर करने वाली चिकित्सक एक ही है। जांच रिपोर्ट के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि अप्रैल 2024 से लेकर अब तक जिले में प्रसव के दौरान अथवा बाद में 27 महिलाओं की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही दो हजार से अधिक महिलाएं हाई रिस्क प्रग्नेंसी के तहत चिन्हित की गई हैं। इनकी निगरानी की जा रही है।

    केस-1

    25 मार्च सीएचसी डासना से बम्हेटा के रहने वाले बिलाल की पत्नी सना को प्रसव के बाद जिला महिला अस्पताल रेफर किया गया। यहां पर रक्तस्राव अधिक होने पर डा. प्रियंका ने प्राथमिक उपचार देने के बाद जीटीबी रेफर कर दिया। जीटीबी में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सना का बेटा स्वस्थ है। सना के स्वजन ने सीएमओ को शिकायत भेजकर आरोप लगाया है कि स्वास्थ्यकर्मियों की लापरवाही से सना की मौत हुई है।

    केस-2

    सर्वोदय नगर में रहने वाले नीरज ने प्रसव पीडा होने पर पत्नी मनीषा को जिला महिला अस्पताल में 26 मार्च को भर्ती कराया। शाम को आठ बजे मनीषा ने जुडवा बेटों को जन्म दिया। सामान्य प्रसव होने पर रक्तस्राव अधिक होने लगा। कुछ देर बाद बेहोशी की हालत में मनीषा को जीटीबी रेफर कर दिया। नीरज ने बताया कि मनीषा की मौत रास्ते में ही हो गई। जीटीबी में चिकित्सकों ने मनीषा का पोस्टमार्टम कराया। नीरज का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही से मनीषा की जान गई है।

    केस-3

    जनकपुरी साहिबाबाद के रहने वाले विमल कुमार की पत्नी संगीता को प्रसव पीड़ा पर तीन अप्रैल की शाम को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। सामान्य प्रसव हुआ और संगीता ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद अधिक रक्तस्राव होने लगा और गंभीर हालत में मनीषा को जीटीबी रेफर कर दिया। जीटीबी में चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। बेटी जिला महिला अस्पताल में संचालित एसएनसीयू में भर्ती है। हालत नाजुक है। मृतका के रिश्तेदार अनूप का आरोप है कि चिकित्सकों की लापरवाही से मनीषा की मौत हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए।

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