महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की साजिश का खुलासा, पाकिस्तान से आया था संदेश- 'मार दो'
Mahanti Yeti Narasimhanand Saraswati सूत्रों के मुताबिक साजिश के तहत लखनऊ के कमलेश तिवारी हत्याकांड की तर्ज पर कश्मीर निवासी एक आतंकी भगवा चोला पहनकर गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या को अंजाम देने वाला था।
नई दिल्ली/गाजियाबाद [धनंजय मिश्रा]। देश की राजधानी दिल्ली से सटे डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती को लेकर एक बड़ा और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। दरअसल, गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती की सुपारी लेकर हत्या करने आए एक आरोपित को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर कश्मीर का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों से पता चला है कि आरोपित महंत नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या की सुपारी पाकिस्तान में बैठे जैश के एक आतंकी ने दी थी। आरोपित साधु की वेश में जाकर महंत की हत्या करना चाहता था, लेकिन इससे पहले दिल्ली पुलिस ने उसे दबोच लिया। पुलिस ने आरोपित आरोपित जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर के पास से पिस्टल और मैगजीन बरामद की है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर को पाकिस्तान में बैठे आबिद नाम के आंतकी ने हत्या की सुपारी दी थी। जहांगीर वॉट्सऐप के जरिये आबिद के संपर्क में रहता था। सूत्रों ने बताया कि आबिद ने जहांगीर को महंत नरसिंहानंद सरस्वती का एक वीडियो दिखा कर उनकी हत्या के लिए उकसाया था। इतना ही नही, इस काम के लिए आबिद ने जहांगीर को हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी थी। आबिद ने जहांगीर को इस काम के लिए बड़ी रकम देने का वादा भी किया था।
बताया जा रहा है कि पिछले महीने 23 अप्रैल को जहांगीर डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या को अंजाम देने के लिए दिल्ली निकल गया था। इस कड़ी में दिल्ली में जहांगीर को उमर नाम के शख्स से मिलना था। सूत्रों ने बताया कि उमर और जहांगीर टेलीग्राम के जरिये संपर्क में रहने वाले थे। उमर का काम जहांगीर के लिए दिल्ली में ठहरने की व्यवस्था करना था। जिस दिन जहांगीर दिल्ली के लिए निकला था, उस दिन उसके बैंक खाते में 35 हज़ार रुपये भी भेजे गए थे। फिलहाल दिल्ली पुलिस आरोपित से पूछताछ कर रही है। वहीं, कई धार्मिक संगठनों ने हिंदू नेताओं को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।