गाजियाबाद में 14 अक्टूबर तक धारा-163 लागू, बिना अनुमति नहीं कर सकेंगे विरोध प्रदर्शन
गाजियाबाद में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत 20 अगस्त से 14 अक्टूबर तक के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई है। अब पांच या पांच से अधि व्यक्तियों के एकजुट होकर धरना या विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होगी। इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। विभिन्न परीक्षाओं और त्योहारों के मद्देनजर गाजियाबाद कमिश्नरेट पुलिस ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत जिले में 20 अगस्त से 14 अक्टूबर तक के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
ऐसे में बिना सक्षम मजिस्ट्रेट की अनुमति के जिले में पांच या पांच से अधि व्यक्तियों के एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन, धरना देने पर रोक लगा दी गई है। निषेधाज्ञा लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति अस्त्र, शस्त्र अथवा विस्फोटक पदार्थ लेकर नहीं चलेगा, न ही किसी स्थान पर एकत्रित करेगा। घर की छत पर ईंट, पत्थर रखने पर भी रोक है।
चार से अधिक लाेगों के एकजुट होने पर रोक
परीक्षा केंद्र के 200 मीटर की परिधि में चार से अधिक लाेगों के एकजुट होने पर रोक है। परीक्षा केंद्र के एक किमी. की परिधि में फोटो कापी की मशीन और स्कैनर के संचालन पर रोक रहेगी। निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस भर्ती परीक्षा केंद्र से अनुपस्थित 70 शिक्षकों का वेतन रोका
आरक्षी नागरिक पुलिस चयन परीक्षा वर्ष-2024 में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ड्यूटी में लगाए गए परिषदीय विद्यालयों के 70 शिक्षकों के ब्रीफिंग से अनुपस्थित रहने पर इनका अगस्त माह में अग्रिम आदेश तक वेतन रोक दिया गया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने शिक्षकों पर कार्रवाई की है।
जिलाधिकारी गाजियाबाद, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश एवं पुलिस निदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा 23 अगस्त, 23,24,25,30 एवं 31 अगस्त को प्रस्तावित पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर दिए गए निर्देशानुसार परिषदीय विद्यालयों की शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है।
402 शिक्षकों की लगाई गई थी ड्यूटी
परीक्षा में जिले के कुल 402 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। लेकिन परीक्षा केंद्र व्यवस्थापकों एवं प्रधानाचार्यों ने विभाग को जानकारी दी है कि 70 शिक्षक-शिक्षिकाएं 21 अगस्त को ब्रीफिंग में अनुपस्थित रहे और उन्होंने ड्यूटी करने में भी असहमति जताई है। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों को काल किया तो वह अभद्र तरीके से बात कर रहे हैं। शिक्षक ड्यूटी करने से सहमत नहीं हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव का कहना है कि परीक्षा को सुचारू तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी को अपने दायित्वों का निर्वहन करना होगा। 70 शिक्षक-शिक्षिएं ब्रीफिंग से अनुपस्थित रहे हैं और इन्होंने ड्यूटी करने में भी असहमति जताई है। इन सभी 70 शिक्षकों के परीक्षा केंद्र पर अनुपस्थित पाये जाने एवं अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करने के कारण इनके माह अगस्त 2024 के वेतन पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई गई है।
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