साहिबाबाद डिपो को मिलीं 10 नई बसें, इन रूटों पर शुरू हुई सेवा; पहले दिन ही 2 बसों ने दिया धोखा
गाजियाबाद के साहिबाबाद डिपो को 10 बीएस-6 बसें मिली हैं। डिपो से कानपुर और आगरा सहित कई शहरों के लिए बस सेवा शुरू हुई है। लेकिन पहले ही दिन दो बसों ने ...और पढ़ें

राहुल कुमार, साहिबाबाद। गाजियाबाद रीजन के साहिबाबाद डिपो को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) द्वारा 10 बीएस-6 बसें दी गई हैं, जिससे यात्रियों का सफर बेहतर हो सके। डिपो को बसें तो मिलीं लेकिन पहले दिन ही दो बसों ने रास्ते में दम तोड़ दिया।
बसों की गुणवत्ता पर उठे सवाल
इससे चालक-परिचालकों से यात्री भीड़ गए और बसों की गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगे। वहीं, डिपो में तैनात कई पुराने रोडवेज कर्मियों ने भी नाम न लिखने की शर्त पर बसों की गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए हैं।
मुख्यालय से साहिबाबाद डिपो को पहले ही बसें अलाट कर दी गई थीं। रविवार से बसों को डॉ. राम मनोहर लोहिया कार्यशाला कानपुर से साहिबाबाद डिपो लाया जा रहा था। इस दौरान एक बस (यूपी78 एलएन0482) जैसे ही आगरा के पास पहुंची तो बस चलते-चलते रुक गई। बस के एक्सीलेटर ने काम करना बंद कर दिया।
कितने किलोमीटर चलने के बाद बंद हुई बस?
एक्सीलेटर दबाने के बाद भी बस आगे नहीं चली। महज 360 किलोमीटर चलने पर ही बस ने तम तोड़ दिया। इसके बाद चालक-परिचालक ने बस को चलाने की कोशिश की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। एजेंसी की टीम को बुलाया गया। टीम ने आकर बस को ठीक किया इसके बाद दिल्ली में सभी कागजी कार्रवाई पूरी कराकर साहिबाबाद डिपो लाया गया।
कौशांबी से 110 किलोमीटर चलकर यमुना एक्सप्रेस-वे तोड़ा दम
मथुरा में नई बस खराब होने के बाद भी यह सिलसिला नहीं रूका। कौशांबी डिपो से दूसरी बस गोरखपुर के लिए चली। जैसे ही बस (यूपी78 केटी8030) करीब 110 किलोमीटर चलकर यमुना एक्सप्रेस-वे पर बाजना कट के पास पहुंची फिर से वही समस्या हो गई।
इस बस के एक्सीलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। चालक को मजबूरन बस खड़ी करनी पड़ी। इस दौरान बस में करीब 52 यात्री सवार थे। परिचालक ने सभी यात्रियों को दूसरी बस से भेजा। हालांकि इस दौरान कई यात्रियों ने रोडवेज की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए किराया वापस मांगा, लेकिन चालक-परिचालक ने किसी तरह समझाकर दूसरी बस में बैठा दिया।
इन रूटों पर शुरू हुआ बसों का संचालन
सभी 10 बीएस-6 बसों का संचालन छह रूटों पर किया गया है। जिन रूटों पर यात्री अधिक व बसें कम थी उन पर संचालन शुरू किया गया है। इसमें रामनगर, टनकपुर, अमरोहा, लखनऊ, कानपुर व हल्द्वानी रूट हैं। यात्रियों को फायदे के बजाय नुकसान ही झेलना पड़ रहा है।
कानपुर कार्यशाला में ये नई बसें खड़ी हुई थीं। अगर बसें कई दिन खड़ी रहती हैं तो छोटी-छोटी कमियां हो जाती हैं। इस कारण बसें में ये दिक्कत हुई थी। सभी बसों का संचालन रूटों पर कर दिया गया है।
- राजेश कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, साहिबाबाद डिपो

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