हाउस टैक्स के गलत बिल जारी होने पर अधिकारी सस्पेंड, शिकायत पर भड़के नगर आयुक्त; कहा- दोषियों को भेजा जाएगा जेल
गाजियाबाद में गृहकर बिलों में अनियमितताओं की शिकायत पर नगर आयुक्त ने सख्त कार्रवाई की। सिटी जोन के राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है। बिल बढ़ाकर कम करने वालों की जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर जेल भेजने की चेतावनी दी है। उपभोक्ताओं के लिए निगम में सिंगल विंडो सुविधा शुरू की गई है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। गृहकर बिलों में अनियमितताओं की शिकायतें और पार्षदों के विरोध के बाद नगर आयुक्त ने मंगलवार शाम सभी जोनल प्रभारियों, कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षकों की आपात बैठक बुलाई।
इस दौरान सिटी जोन में गलत बिल जारी करने पर राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बिल बढ़ाकर जारी करने और फिर कम करने वालों की जांच कराने की बात भी कही है।
शिकायत सही मिलने पर होगी FIR
शिकायत सही मिलने पर आरोपित के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा जेल भेजने की चेतावनी उन्होंने दी है। उपभोक्ताओं की शिकायत और समस्याओं के निदान के लिए निगम में सिंगल विंडो बनाकर सुबह नौ बजे से 12 बजे तक अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है।
बैठक में नगर आयुक्त द्वारा कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इसमें लोगों और करदाताओं की गृहकर संबंधित समस्याओं को सुलझाने, गृहकर नियमावली का प्रशिक्षण देने और गृहकर जमा करने से जुड़े हुए लाभ के बारे में जानकारी देने के लिए सिंगल विंडो बना दी है।
पांच-पांच फाइलें मंगाकर जांच करने के निर्देश
अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार को आदेशित करते हुए सिंगल विंडो पर टीम बिठाने का निर्णय लिया गया। बैठक में चर्चा के समय सिटी जोन के राजस्व निरीक्षक उमेश प्रताप सिंह की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया। साथ ही सभी जोन से पांच-पांच फाइलें मंगाकर जांच करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव को भी विभाग में अनियमिताओं को खोजते हुए प्रकरणों कार्रवाई करने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने सभी जोनल प्रभारियों को गृहकर के प्रति जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई। साथ ही जनप्रतिनिधियों द्वारा दिए जा रहे सुझावों, शिकायतों और संदर्भों पर भी कार्य योजना बनाने के लिए कहा गया।
उन्होंने बताया कि गृहकर बिल आवासीय से व्यावसायिक होने की स्थिति में, एरिया बढ़ने की स्थिति में, संपत्ति का सड़क पर आने की स्थिति में और अन्य नियमावली के क्रम में बढ़ा हुआ आ सकता है। ऐसे में करदाताओं और पार्षदों से संपर्क करते हुए जागरूकता फैलाने के निर्देश दिए। करदाताओं से भी अपने गृहकर का खुद निर्धारण करने के क्रम में सेल्फ एसेसमेंट प्रक्रिया को अपनाने के लिए अपील की गई।
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