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    Ghaziabad News: मोदीनगर तहसील में कामकाज रहेगा ठप, रजिस्ट्री कार्यालय भी रहेगा बंद

    Updated: Tue, 03 Dec 2024 09:06 AM (IST)

    गाजियाबाद में पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में वकीलों की हड़ताल जारी है। मोदीनगर तहसील में वकीलों ने सोमवार को हड़ताल की। वकीलों की मांग है कि 29 अक्टूबर को जिला जज कोर्ट में पुलिस ने लाठीचार्ज किया था जिसकी जांच हो और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो। वकीलों ने चेतावनी दी है कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

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    धरना स्थल बदलकर कोर्ट के गेट पर धरना करते अधिवक्ता। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सोमवार को बार एसोसिएशन मोदीनगर के बैनर तले मोदीनगर तहसील में वकीलों की बैठक हुई। बैठक में दस्तावेज व बैनामा लेखक भी रहे। निर्णय लिया गया कि कोई भी वकील चैंबर नहीं खोलेगा। न ही कोई टाईपिस्ट काम करेगा। रजिस्ट्री कार्यालय को भी बंद रखा जाएगा।

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    यदि कोई वकील नियमों की अवहेलना करता है, तो उस पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वकीलों ने मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। 29 अक्टूबर को गाजियाबाद जिला जज कोर्ट में वकीलों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। तभी से वकील जिला जज व लाठीचार्ज करने वाले वकीलों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

    बार एसोसिएशन मोदीनगर के अध्यक्ष उत्तम त्यागी ने बताया कि बैठक में जो भी फैसले लिए गए हैं, उनका सभी वकीलों को पालन करना होगा। पूर्व अध्यक्ष राजकुमार गुप्ता, पूर्व सचिव नकुल त्यागी, प्रेमवीर राठी, कुलदीप बंसल, अजित कुमार, अजय राठी, राजकुमार चौधरी, राजकुमार त्यागी, विनोद तेवतिया, जयसिंह, प्रवीण कुमार आदि उपस्थित रहे।

    गिरफ्तारी देने कविनगर थाने पहुंचे अधिवक्ता, पुलिस ने भेजा वापस

    वकीलों पर बीते दिनों दर्ज हुए मुदकमों के विरोध में सोमवार को काफी संख्या में अधिवक्ता कविनगर थाने गिरफ्तारी देने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने से मना करते हुए लौटा दिया। पुलिस ने कहा कि वकीलों पर बीते दिनों दर्ज हुए मुकदमों में जांच जारी है। इसलिए फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसके बाद वकील वापस कचहरी आ गए। सोमवार को धरनास्थल भी बदल दिया गया है।

    अब वकीलों ने कचहरी के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर धरना देना शुरू कर दिया है। जिला जज कोर्ट में 29 अक्टूबर को हुए लाठीचार्ज के विरोध में चार नवंबर से वकील हड़ताल पर हैं। सोमवार से वकीलों ने कचहरी के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर ही धरना शुरू कर दिया है। अभी तक बार सभागार के बाहर धरना चल रहा था।

    थाना कविनगर के बाहर सामूहिक गिरफ्तारी देने पहुंचे अधिवक्ता। जागरण

    दोपहर करीब साढ़े 12 बजे वकील एकत्र होकर पैदल हापुड़ रोड होते हुए कविनगर थाने पहुंचे। पुलिस ने थाने के बाहर ही वकीलों को रोक दिया। थाने पर भी बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। थाने के अंदर नहीं जाने देने पर वकील सड़क पर ही बैठ गए। वकीलों ने जिला जज के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपनी गिरफ्तारी की मांग की। एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने वकीलों को जांच जारी रहने तक कोई अग्रिम कार्रवाई नहीं किए जाने की जानकारी दी

    न्यायालयों में भी जाने पर लगाई रोक

    बार एसोसिएशन ने कोर्ट के साथ पुलिस कमिश्नरेट न्यायालयों में भी वकीलों के कामकाज करने पर रोक लगाई है। बार एसोसिएशन ने आदेश का उल्लंघन करने वाले अधिवक्ताओं की सदस्यता पांच साल के लिए निलंबित किए जाने की चेतावनी दी है।

    पुलिस ने दिखाई गांधीगिरी

    सोमवार को एक समय ऐसा भी आया, जब कविनगर थाने गिरफ्तारी देने आए वकीलों को पुलिसकर्मियों ने पानी मुहैया कराया। कविनगर थाने के अंदर से पानी की बोतलें वकीलों को दी गईं। हालांकि कुछ वकीलों ने शोर मचाते हुए पुलिस को दिया पानी पीने से मना भी किया, लेकिन अधिकांश वकीलों ने इसका स्वागत किया।

    31 कोर्ट में हुआ कामकाज, 25 जमानत प्रार्थना पत्र निस्तारित

    सोमवार को कोर्ट में न्यायिक अधिकारियों के समक्ष कई मामले रखे गए। कुछ वादकारी भी कोर्ट पहुंचे। कोर्ट में सुरक्षा व्यवस्था देख उन्हें तसल्ली हुई। सोमवार को जनपद न्यायालय में 53 में से 31 कोर्ट में कामकाज हुआ। इस दौरान विभिन्न कोर्ट ने 25 जमानत प्रार्थना पत्रों का निरस्तारण किया। कई मामलों में कोर्ट में गवाही हुई।

    जिला जज अनिल कुमार की कोर्ट में दो जमानत प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने के साथ ही साक्ष्य के लिए समन जारी किए गए। एडीजे कोर्ट नंबर-दो में चल रहे एक मामले में चार्ज फ्रेम किए गए। सीजेएम जसवीर सिंह यादव की कोर्ट में एक जमानत प्रार्थना पत्र का निस्तारण करने के साथ ही 24 अंतिम रिपोर्ट का निरस्तारण किया गया। एक मामले में वारंट जारी किया गया और 80 चालान का निस्तारण किया गया। कुछ कोर्ट में वर्चुअल सुनवाई भी की गई।