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    पढ़िये- राकेश टिकैत ने क्यों किया केंद्र सरकार के लिए '26' तारीख का जिक्र, समझिये इसके मायने

    By Jp YadavEdited By:
    Updated: Thu, 27 May 2021 07:56 AM (IST)

    इससे पहले वह भाजपा के विरोध की बात लगातार इनकार करत रहे हैं यहां तक कि वह यहां तक कह चुके हैं हमने भी लोकसभा और विधानसभा में भाजपा को वोट दिया है। ऐसे में उनका यह बयान लोगों को उलझा रहा है।

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    पढ़िये- राकेश टिकैत ने क्यों किया केंद्र सरकार के लिए '26' तारीख का जिक्र, समझिये इसके मायने

    नई दिल्ली/गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे धरने के छह माह पूरे होने पर ऐसा बयान दे डाला है, जिसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार की बर्बादी की तारीख भी 26 ही होगी। बता दें कि इससे पहले वह भाजपा के विरोध की बात लगातार इनकार करत रहे हैं, यहां तक कि वह यहां तक कह चुके हैं हमने भी लोकसभा और विधानसभा में भाजपा को वोट दिया है। ऐसे में उनका यह बयान लोगों को उलझा रहा है। बुधवार को उनके ताजा बयान से लगा रहा है कि अब वह केंद्र सरकार से खफा हैं।

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    इससे पहले भाकियू नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में यूपी गेट पर कृषि कानून विरोधियों ने सरकार का पुतला फूंका और काले झंड़े लेकर धरना स्थल पर नारेबाजी करते हुए परिक्रमा भी की। उन्होंने आंदोलन स्थल पर शामिल प्रदर्शनकारियों की कम संख्या को देखते हुए कहा कि यह आंदोलन 2024 तक भाजपा सरकार के रहने तक भी चल सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी पार्टी की होती तो शायद मांगों को मान लिया जाता। यह व्यक्ति विशेष की हठधर्मिता है। सत्तासीन पार्टी के सांसद हाउस अरेस्टिंग हैं, जो चाहकर भी न कुछ बोल सकते और न कहीं जा सकते। हमें इस आंदोलन की तैयारी वैसे ही करनी होगी जैसे तीन साल के लिए फसल की करते हैं। गांव में बैठे हुए लोग आएंगे नहीं तो आंदोलन कैसे चल पाएगा। खेत में जाए बिना फसल कैसे तैयार होगी। उन्होंने कहा कि जैसे खेत की रखवाली करते हैं वैसे ही आंदोलन की करनी होगी। खुद ही झोपड़ी बनानी होगी। गांव से साधन लाने पड़ेंगे। आंधी-बारिश और गर्मी से निपटने के लिए पक्के टेंट की व्यवस्था करनी होगी। रस्सी, बांस, तख्त, चारपाई और ट्रालियां सब मजबूत चाहिए।

    उन्होंने कहा कि गांव से लेकर दिल्ली तक संघर्ष तेज करना होगा, आंदोलन की भाषा सीखनी होगी। तारीख वह भी 26 ही थी, जब किसानों ने दिल्ली तक चार लाख ट्रैक्टर पहुंचा दिए थे। यह तारीख हर महीने आती है और ट्रैक्टर भी हैं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सरकार अगर बात नहीं मानेगी तो उसकी बर्बादी का दिन भी 26 तारीख ही होगा।

    पुलिस-प्रशासन तंग करेगा तो कटेगी थाने और दफ्तर की बिजली

    भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि पुलिस तंग करेगी तो थाने की, प्रशासन करेगा डीएम दफ्तर समेत अन्य विभागों की बिजली काटी जाएगी। उन्होंने कहा कि कहीं कुछ भी हो सकता है। किसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। आंदोलन लंबा चलेगा और अंजाम तक पहुंचाकर ही यह समाप्त होगा। सरकार को वार्ता के लिए पत्र लिखा है। आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा। भूख को देखकर अनाज की कीमतें तय करने की योजना को पूरा नहीं होने देंगे।