लगातार बारिश खरीफ फसलों के लिए अच्छी, लेकिन फिर भी होगा नुकसान, जानिए क्यों
मुरादनगर में बारिश से खरीफ फसलों को फायदा हो रहा है लेकिन जलभराव से नुकसान की आशंका है। खेतों में नमी से धान गन्ना मक्का और बाजरा जैसी फसलों को लाभ मिल रहा है पर मिट्टी कटान से खेतों में पानी जमा होने से खतरा भी है। कृषि विभाग किसानों को मौसमी कीटों से फसल बचाने के लिए जागरूक कर रहा है जिससे फसल को कीटो से बचाया जा सके।
विजय भूषण त्यागी, मुराद नगर। इन दिनों हो रही बारिश से खेतों में खड़ी खरीफ की फसल को फायदा हो रहा है। एक ओर खेतों की सिंचाई होने से किसानों के संसाधनों की बचत हो रही है, वहीं दूसरी ओर मौसम भी सुहावना बना हुआ है। लेकिन क्षेत्र में कई जगहों पर मिट्टी हटने से बारिश का पानी खेतों में रुक गया है, जिससे फसलों के लिए खतरा भी पैदा हो गया है।
इसके अलावा, इन दिनों पनपने वाले मौसमी कीट भी फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। कृषि विभाग किसानों को मौसमी कीटों से फसल बचाने के लिए जागरूक कर रहा है।
करीब एक महीने से लगभग हर दूसरे दिन बारिश हो रही है। लगातार बारिश से खेतों में नमी बनी हुई है, जिससे धान, गन्ना, मक्का और बाजरा जैसी खरीफ की फसलों को फायदा हो रहा है। अगर आने वाले दिनों में भी इसी तरह बारिश होती है, तो सिंचाई का खर्च कम होने से किसानों को फायदा होगा।
नमी जरूरी, लेकिन रुका हुआ पानी नुकसान पहुंचाएगा
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश से खेतों में बनी नमी फसल के लिए फ़ायदेमंद होती है, लेकिन अगर ज़्यादा बारिश या किसी और वजह से खेतों में पानी रुक जाए, तो धान के अलावा दूसरी फसलों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। पानी रुकने से फसल की जड़ों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और वे मुरझाने लगती हैं। इसके अलावा, भट्टे की वजह से खेतों की मिट्टी उठने से कई गाँवों में सामान्य बारिश होने पर भी खेत पानी से भर जाते हैं।
फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं मौसमी कीट
बारिश के मौसम में नमी के कारण तना छेदक, हिस्पा, जड़ सुंडी, हरा फुंडका और बांका जैसे मौसमी कीट पनपते हैं। ये कीट फसलों पर हमला करके उन्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं। कीटों से बचाव के लिए कृषि रक्षा विभाग के विशेषज्ञ अभियान चलाकर किसानों को जागरूक कर रहे हैं।
बारिश से खेतों में बनी नमी से खरीफ की फसलों को फ़ायदा होगा। कुछ फसलों को लंबे समय तक पानी जमा रहने से नुकसान भी हो सकता है। किसानों को मौसमी कीटों से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है।
- पीके कुंडू, प्रभारी, कृषि विज्ञान केंद्र
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।