PM Kisan Samman Nidhi: मौत के बाद भी सैकड़ों किसानों को मिलती रही राशि, अब ऐसे वसूलेगी सरकार
केंद्र सरकार ने देश के प्रत्येक जिले में खेती की जमीन की भूलेख मैपिंग का अभियान शुरू कराया जिस कारण अकेले गाजियाबाद में न केवल दयाल सिंह बल्कि 1702 ऐसे किसानों की जानकारी हो सकी जो अब इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन राशि खाते में जा रही थी।

गाजियाबाद, जागरण संवाददाता। मोदीनगर के दयाल सिंह की मृत्यु हुए छह माह का समय हो गया है, लेकिन कृषि विभाग के अधिकारियाें की नजर में वह जिंदा हैं, सिर्फ जिंदा ही नहीं हैं वह खेती करने के लिए भी जाते हैं। यही वजह है कि उनके बैंकखाते में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की धनराशि भी भेजी जाती है। हैरत की बात यह है कि स्वजनों ने भी कभी इस पर आपत्ति नहीं जताई। शुक्र है कि केंद्र सरकार ने देश के प्रत्येक जिले में खेती की जमीन की भूलेख मैपिंग का अभियान शुरू कराया, जिस कारण अकेले गाजियाबाद में न केवल दयाल सिंह बल्कि 1,702 ऐसे किसानों की जानकारी हो सकी, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।
धनराशि की वसूली के लिए भेजा जाएगा नोटिस
पीएम किसान सम्मान निधि की धनराशि जिन 1,702 किसानों के बैंकखाते में उनकी मृत्यु के बाद भेजी गई है, उनके बैंकखाते से इस धनराशि को वापस लिया जाएगा, यदि स्वजन ने उनके बैंकखाते से रुपये निकाल लिए हैं तो उनसे वसूली की जाएगी। उनको इस संबंध में नोटिस भेजा जाएगा, नोटिस मिलने के बाद यदि रुपये जमा नहीं कराए तो कार्रवाई होगी। वहीं, किसानों के सत्यापन में जिस अधिकारी की लापरवाही मिलेगी उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
जुलाई माह से चल रहा है अभियान
उप कृषि निदेशक राज जतन मिश्र ने बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश पर जुलाई माह से भूलेख मैपिंग का अभियान चलाया गया। इसमें कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ ही राजस्व विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई गई। यह टीम गांव-गांव गई और वहां पर किसानों के बारे में जानकारी की गई, किसान के नाम पर जितनी भूमि है उसकी जानकारी एकत्र की गई। यह भी चेक किया गया कि भूमि पर खेती ही की जा रही है या फिर कोई दूसरा कार्य हो रहा है। यह सभी आंकड़े पीएम किसान सम्मान निधि के पोर्टल पर अपडेट किए जाएंगे, जिससे कि उन्हीं किसानों को योजना का लाभ मिल सके, जो पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होंगे।
आंकड़े
- जिले में किसानों की संख्या - 55,174
- सर्वे के दौरान मृत मिले किसानों की संख्या - 1,702
- सर्वे के दौरान भूमि विहीन मिले किसानों की संख्या - 204
- सर्वे के दौरान अपात्र मिले किसानों की संख्या - 93
- एक साल में एक किसान को पीएम किसान सम्मान निधि से मिलने वाली धनराशि - 6,000 रुपये
- अब तक हुआ भूलेख मैपिंग का कार्य - 96 प्रतिशत
- गलत तरीके से किसानों को दी गई धनराशि की अब तक हुई वसूली - 3,25,000
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