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    UP Lok Sabha Result: यूपी की इस सीट पर भाजपा को हराने के लिए खेला गया जातीय कार्ड, फिर भी विपक्षी दल खा गए मात

    Updated: Tue, 04 Jun 2024 11:31 PM (IST)

    गाजियाबाद लोकसभा सीट पर जीत की हैट्रिक लगा चुकी भाजपा को रोकने के लिए इस बार सियासी दलों ने जातीय कार्ड भी खेला। बसपा ने यहां पर वीके सिंह का टिकट कटने के कारण क्षत्रिय समाज में नाराजगी की फायदा उठाने के लिए क्षत्रिय समाज से आने वाले नंद किशोर पुंडीर को चुनाव में उतारा बसपा का यह जातीय कार्ड भी उनके काम नहीं आया।

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    यूपी की इस सीट पर भाजपा को हराने के लिए जातीय कार्ड, फिर भी विपक्षी दल खाए मात

    अभिषेक सिंह, गाजियाबाद। Ghaziabad Lok Sabha Result 2024: गाजियाबाद लोकसभा सीट पर जीत की हैट्रिक लगा चुकी भाजपा को रोकने के लिए इस बार सियासी दलों ने जातीय कार्ड भी खेला। बसपा ने यहां पर वीके सिंह का टिकट कटने के कारण क्षत्रिय समाज में नाराजगी की फायदा उठाने के लिए क्षत्रिय समाज से आने वाले नंद किशोर पुंडीर को चुनाव में उतारा, बसपा का यह जातीय कार्ड भी उनके काम नहीं आया और सियासी लड़ाई में मात खा गई।

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    कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव में ब्राह्मण समाज से आने वालीं डॉली शर्मा को चुनाव के मैदान में उतारा था, जिसमें उनको करारी शिकस्त मिली थी। इसके बावजूद इस बार भी डॉली शर्मा को चुनाव के मैदान में उतारा। इसके पीछे भी एक खास रणनीति थी।

    कांग्रेस-सपा ने मिलकर दिया पीडीए का नारा

    कांग्रेस का सपा से गठबंधन था और सपा ने पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक को साधने के लिए पीडीए का नारा दिया था। कांग्रेस की रणनीति थी कि पीडीए के साथ ही सामान्य वर्ग और खासतौर पर गाजियाबाद चुनाव में निर्णायक भूमिका रखने वाले ब्राह्मण समाज के मतदाताओं का भी साथ मिले, जिससे इस बार चुनाव में जीत हासिल कर 2004 का इतिहास दोहरा सके।

    रणनीति नहीं हो सकी सफल

    इस बार कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा को पहले से अधिक मत मिले, लेकिन चुनाव के जीत को लेकर तय की गई कांग्रेस की रणनीति भी सफल नहीं हो सकी, जबकि यहां पर सत्ताधारी पार्टी के नेता भी दावा कर रहे हैं कि बसपा के परंपरागत वोटरों ने इस बार कांग्रेस को वोट दिया है।

    गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से पिछले तीन बार से क्षत्रिय समाज के प्रत्याशी ही जीत हासिल कर रहे थे, लेकिन संगठन में गुटबाजी और स्थानीय नेता को टिकट देन की मांग उठने पर भाजपा ने अतुल गर्ग को प्रत्याशी बनाया। पहली बार वैश्य समाज के प्रत्याशी पर भाजपा ने दांव खेला और जीत हासिल करने में कामयाबी हासिल की।