गाजियाबाद के लोगों के लिए जरूरी खबर, आरोग्य मंदिर और CHC में OPD की बदली टाइमिंग
गाजियाबाद के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर और सीएचसी की ओपीडी का समय बदल गया है। अब सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी चलेगी। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने सभी केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी हर हाल में सुबह 8 बजे से पहले पहुंचकर उपस्थिति दर्ज कराएं और मरीज देखना शुरू करें।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित आयुष्मान आरोग्य मंदिर और सीएचसी की ओपीडी का मंगलवार से समय बदल गया। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि अब सुबह आठ बजे से दो बजे तक ओपीडी चलेगी। अभी तक सुबह 10 बजे से चार बजे तक ओपीडी चलती थी।
सीएमओ ने सभी केंद्र प्रभारी को सख्त निर्देश दिए हैं कि चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी हर हाल में आठ बजे से पहले पहुंचकर उपस्थिति दर्ज करा दें व मरीज देखने शुरू कर दें। उन्होंने कहा है कि खासकर हीट वेव को लेकर मरीजों को गंभीरता से देखें। जरूरत पर भर्ती कराने व हायर सेंटर रेफर करने की कार्रवाई करें।
गाजियाबाद में कितने हैं आयुष्मान आरोग्य मंदिर?
गाजियाबाद जिले में छह सीएचसी व 107 आयुष्मान आरोग्य मंदिर हैं। इनके अलावा 14 प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर भी ग्रामीण मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने को मेडिकल संसाधन उपलब्ध हैं।
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सीएचसी लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर, डासना, बम्हैटा व भोजपुर में कोल्ड रूम बनाने की कवायद तेज है। मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह में हीट वेव की संभावना है। ऐसे में मरीजों को बचाने के लिए व्यापक इंतजाम हो रहे हैं।
खांसी-जुकाम के मरीज बढ़े
जिला एमएमजी व संयुक्त अस्पताल की ओपीडी में मंगलवार को खांसी-जुकाम व बुखार के तीन हजार से अधिक मरीज पहुंचे। वहीं, 37 बच्चों समेत 341 लोगों ने एआरवी लगवाई है।
सीएमओ का प्रस्ताव डीएम ने किया खरिज, शिफ्ट नहीं होगा एनआरसी
जिला महिला अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) को संजयनगर स्थित संयुक्त अस्पताल में शिफ्ट करने के सीएमओ के प्रस्ताव को डीएम ने फिलहाल खारिज कर दिया है। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव रखा गया था। सीएमएस डॉ. अल्का शर्मा ने इसकी पुष्टि की है कि एनआरसी को शिफ्ट नहीं किया जा रहा।
महिला अस्पताल में आठ वर्ष से 10 बेड का एनआरसी चल रहा है। वहीं, महिला अस्पताल में बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई (पीकू), न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू), एमएनसीयू, पीडियाट्रिक वार्ड भी चल रहे हैं। एसएनसीयू में 12 व एनआरसी में 10 बच्चों का इलाज चल रहा है।
एनआरसी में मां संग बच्चे को रखकर स्वस्थ किया जाता है। इसमें बच्चों के खेलने एवं खाने-पीने का भी इंतजाम है। इसमें कमजोर बच्चों को भर्ती किया जाता है। पिछले वर्ष मंडलायुक्त ने इस केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण करके मां को दिए जाने वाले अनुदान की समीक्षा की थी।

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