महामाया स्टेडियम में अव्यवस्थाओं ने फेरा खिलाड़ियों की उम्मीदों पर पानी, हाकी मुकाबले हुए औपचारिक
मेजर ध्यानचंद की जयंती (खेल दिवस) से पूर्व बिन तैयारी एक दिवसीय खेल महाकुंभ अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। वहीं मेजर ध्यानचंद के सपनों की हाकी बदहाल दिखी। मैदान में उंची घास और फटे नेट के बीच हाकी का औपचारिकताओं से भरा खेल हुआ।

गाजियाबाद [शाहनवाज अली]। मेजर ध्यानचंद की जयंती (खेल दिवस) से पूर्व बिन तैयारी एक दिवसीय खेल महाकुंभ अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया। वहीं, मेजर ध्यानचंद के सपनों की हाकी बदहाल दिखी। मैदान में उंची घास और फटे नेट के बीच हाकी का औपचारिकताओं से भरा खेल हुआ। खिलाड़ी सुबह आरंभ होने वाले खेलों के महाकुंभ में खिलाड़ी दोपहर तक खुद ही खेल मैदान को संवारते नजर आए।
खेल विभाग और खेल प्रोत्साहन समिति की ओर से गुरुवार को महामाया स्पोर्ट्स स्टेडियम में एक दिवसीय खेलों का महाकुंभ आयोजित हुआ। सुबह नौ बजे इसका विधिवत शुभारंभ होना था, जो मैदान और खेल संसाधन उपलब्ध न होने की वजह से नहीं हो सका। खुद खेल अधिकारी पूनम विश्नोई स्टेडियम में देर से पहुंची।
इस बीच खिलाड़ी पंजीकरण के बारे में इधर-उधर भटकते रहे। खेल दिवस के उपलक्ष्य में आयोजन है तो बात करते हैं हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की सपनों की हाकी के बारे में। हाकी मैदान में उंची घास के बीच फटा नेट बदहाली की दास्तां बयां कर रहा था। सुबह की बजाए दोपहर के समय हाकी का खेल औपचारिक रूप से आरंभ और संपन्न हुआ।
दोपहर तक लगे नेटबाल के पोल
नेटबाल के महिला-पुरुष टीमें सुबह से ही स्टेडियम पहुंच गई थी, लेकिन पोल तिरछे लगे थे और मैदान में उंची घास उगी थी। खेल विभाग की ओर से खिलाड़ियों से दूसरी जगह पोल लगाने को कहा गया। खिलाड़ियों ने पोल उखाड़े और दूसरी जगह गड्ढ़ा कर दोपहर तक लगाकर मैदान तैयार किया।

फुटबाल मैदान की दोपहर तक कटी घास
खेल महाकुंभ में फुटबाल मैदान तैयार करने के लिए दोपहर तक घास काटी जाती रही। खिलाड़ी भी सुबह से खेल शुरू होने के इंतजार में बैठे रहे। पूरी घास न कट पाने के बाद उगी घास के बीच ही पहुंची कुछ फुटबाल टीमों के बीच मुकाबले हुए।
पानी के लिए खिलाड़ियों में रही मारामारी
नाम था खेलों का महाकुंभ और खिलाड़ियों के लिए न खेल संसाधन ही थे और उनके लिए पानी की व्यापक व्यवस्था। कबड्डी ग्राउंड के पास एक नल खराब था और दूसरे पर इस महाकुंभ में हिस्सा लेने आए खिलाड़ियों की भीड़।

कई खेलों के ढूंढे नहीं मिले खिलाड़ी
सूचना न मिलने के कारण बहुत से खिलाड़ी महाकुंभ का हिस्सा नहीं बन सके। हैंडबाल की टीम न मिलने की वजह से देर शाम नेटबाल के खिलाड़ियों को हैंडबाल खेलने के लिए तैयार किया। ताकि 12 खेलों की गिनती के साथ औपचाकिता पूरी हो सके।

संसाधनों के अभाव में खेल से वंचित रहे खिलाड़ी
खेल महाकुंभ में प्रतिभा का प्रदर्शन करने पहुंचे दीपक जैवलिन थ्रो न मिलने की वजह से वह इसका हिस्सा नहीं बन सके और बैरंग वापस लौट गए। बाक्सिंग का रिंग भी सूना रहा। रस्सीकशी, गोला फेंक के लिए भी कोई खिलाड़ी नहीं दिखा।
कबड्डी खिलाड़ी हुए चोटिल
मैदान तैयार न होने की वजह से कुछ दीपक कबड्डी खिलाड़ी आकाश समेत कई खेलते हुए चोटिल भी हुए। राहुल, निकांत त्यागी, बादल, पुनीत, प्रेेम और सौरभ का कहना था कि न तो मेट की व्यवस्था थी और न कबड्डी का मैदान तैयार था। उन्होंने खुद तैयार किया।

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