Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NHAI पर 53 सड़कें क्षतिग्रस्त करने का आरोप, PWD ने मांगे 14 करोड़ रुपये; DM का रुख सख्त

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:46 PM (IST)

    एनएचएआइ पर आरोप है कि डासना से हापुड़ के बीच नेशनल हाई-वे-9 (National High way-9) के बीच निर्माण के दौरान 53 आंतरिक सड़कों को क्षति पहुंचाई है।

    NHAI पर 53 सड़कें क्षतिग्रस्त करने का आरोप, PWD ने मांगे 14 करोड़ रुपये; DM का रुख सख्त

    गाजियाबाद, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे (Delhi-Meerut Expressway) बनाकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों लोगों का सफर आसान कर रहे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highways Authority of India) पर 14 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना लगा है। एनएचएआइ को यह रकम आगामी 15 दिन के दौरान लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के पास जमा करनी होगी। है ना यह चौंकाने वाली बात, लेकिन  यह 100 फीसद सच है। अब वजह भी जान लीजिए। दरअसल, एनएचएआइ पर आरोप है कि डासना से हापुड़ के बीच नेशनल हाई-वे-9 (National High way-9) के बीच निर्माण के दौरान 53 आंतरिक सड़कों को क्षति पहुंचाई है। इनमें 11.35 किलोमीटर की सड़क गंगा कैनाल से मसूरी और मुरादनगर के बीच भी है। बताया गया है कि ये सड़कें उस दौरान क्षतिग्रस्त हुईं जब नेशनल हाई-वे के निर्माण के दौरान भारी मशीनें और डंपर्स इन सड़कों से होकर गुजरे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उधर, एनएचआइ प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरपी सिंह का कहना है कि आधिकारिक रूप से पत्र मिलने के बाद वह इस मद्दे को वरिष्ठ अधिकारियों के सामने रखेंगे। 

    वहीं,  गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय (Ajay shankar Pandey) ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे क्षतिग्रस्त रोड का एक सर्वे करें और इस बाबत रिपोर्ट सौंपें।  इसके बाद 14 करोड़ रुपये का बजट एनएसआइ की सौंपा जाएगी। वहीं, डीएम की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर एनएचएआई ने 14 करोड़ रुपये नहीं दिए तो रिकवरी सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा।  इस पर पैसे नहीं दिए गए तो गिरफ्तारी वारंट जारी होगा।

    गौरतलब है कि अगस्त महीने में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने जिला सड़क नियंत्रण कमेटी (district road control committee) का गठन किया है। इसका लक्ष्य एनएचएआइ, पीडब्ल्यूडी और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (Ghaziabad Development Authority) के अलावा अन्य एजेंसियों के बीच तालमेल था।

    पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मानें तो जो सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उनमें ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में है। इसको लेकर ग्रामीण PWD अधिकारियों से मिले तो उन्होंने सड़क निर्माण की बात उठाई थी।