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    NGT ने गाजियाबाद नगर निगम और विकास प्राधिकरण को लगाई कड़ी फटकार, ठोका 200 करोड़ का जुर्माना

    By GeetarjunEdited By:
    Updated: Sat, 10 Sep 2022 04:09 PM (IST)

    नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गाजियाबाद नगर निगम (GNN) और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) पर 200 करोड़ रुपये का भारी भरकम पर्यायवरणीय जुर्मा ठोका है। यह जुर्माना सीवेज प्रबंधन पर ठोस और संतोषजनक कदम नहीं उठाने को लेकर लगाई है।

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    NGT ने गाजियाबाद नगर निगम और विकास प्राधिकरण को लगाई कड़ी फटकार, ठोका 200 करोड़ का जुर्माना।

    नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने गाजियाबाद नगर निगम (GNN) और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) पर 200 करोड़ रुपये का भारी भरकम पर्यायवरणीय जुर्मा ठोका है। यह जुर्माना सीवेज प्रबंधन पर ठोस और संतोषजनक कदम नहीं उठाने को लेकर लगाई है। साथ ही जीएनएन और जीडीए को फटकार लगाई है।

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    न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एनजीटी की प्रधान पीठ गाजियाबाद के इंदिरापुरम, वसुंधरा और वैशाली क्षेत्रों में कचरे के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए उपचारात्मक कार्रवाई के लिए 2018 से लंबित एक याचिका पर विचार कर रही थी।

    एनजीटी ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए, गालैंड गांव में 33.108 एकड़ की एक साइट और 20,000 मीट्रिक टन की सीमा तक कचरे को पाइपलाइन रोड पर जमा किया जा रहा है। इसके अलावा ईंट भट्ठा साइट पर भी कचरा डाला जा रहा है।

    सीवेज प्रबंधन के लिए एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) को छोड़कर दूसरा कोई भी एसटीपी फेकल कोलीफॉर्म के संबंध में अनुपालन नहीं कर रहा है। गोविंदपुरम, बापूधाम और नूर नगर मोर्टी के एसटीपी 56 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रति दिन) की क्षमता के हिसाम से डिजाइन किए गए हैं, लेकिन इन प्लांटों को केवल 11, 1 और 18 एमएलडी कचरा मिल रहा है।

    यह अभी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि इंदिरापुरम प्लांट की सीवेज ट्रीटमेंट की क्षमता 56 एमएलडी की है, जबकि यह 70 एमएलडी कर रहा है।

    सीपीसीबी की एक अन्य रिपोर्ट का हवाला देते हुए एनजीटी ने कहा 10 नाले हिंडन नदी में गिर रहे हैं। एनजीटी ने कहा कि नगर निगम और विकास प्राधिकरण को सीवेज के सही से निस्तारण के लिए 200 करोड़ रुपये का मुआवजा देना होगा। इसमें जीएनएन को 150 करोड़ रुपये और जीडीए को 50 करोड़ रुपये जमा करने होंगे। यह जुर्माना दो महीने के अंदर जिला मजिस्ट्रेट गाजियाबाद के पास जमा करना होगा।