यूपी के इस जिले में बन रहे शेल्टर होम, इतने कुत्तों को जल्द मिलेगा 'अपना घर'
गाजियाबाद नगर निगम आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार शेल्टर होम बनाने की योजना बना रहा है। अर्थला और मेवला अगरी में जमीन देखी गई है जहां 200-250 कुत्तों को रखा जा सकेगा। शहर में 50 हजार से अधिक आवारा कुत्ते हैं जिनमें से 30 हजार की नसबंदी हो चुकी है। वर्तमान में दो नसबंदी केंद्र चल रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम शहरवासियों को आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने की योजना तैयार करने में जुट गया है। कई दिनों के मंथन के बाद अधिकारियों ने अर्थला और मेवला अगरी गांव में निगम की जमीन पर आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाने के लिए जमीन चिह्नित कर ली है। इनमें से किसी एक स्थान पर कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाया जाएगा, जिसमें 200-250 कुत्तों को रखने की व्यवस्था होगी।
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। फिलहाल अर्थला और मेवला अगरी में जमीन चिह्नित कर ली गई है। प्रस्ताव सदन की बैठक में रखा जाएगा।
सदन की बैठक में प्रस्ताव मंजूर होने के बाद इनमें से किसी एक स्थान पर कुत्तों के लिए शेल्टर होम बनाया जाएगा। दरअसल, शहर में इस समय नगर निगम सीमा में 50 हजार से अधिक आवारा कुत्ते हैं। इसमें से निगम 30 हजार से अधिक कुत्तों की नसबंदी कर चुका है।
वर्तमान में दो एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) केंद्र चल रहे हैं। नंदग्राम और नए बस अड्डे पर चल रहे एबीसी केंद्रों में फिलहाल प्रतिदिन 55-60 कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। पिछले एक सप्ताह में दो एबीसी केंद्रों में 327 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। सिद्धार्थ विहार में बन रहे तीसरे एबीसी केंद्र के चालू होने के बाद शहर में प्रतिदिन 100-125 कुत्तों की नसबंदी की जा सकेगी।
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