Kanwar Yatra 2025: भाई-बहन की आस्था और भक्ति की अनोखी मिसाल, 4 साल की उम्र से कांवड़ उठा रहे सक्षम
दिल्ली के सक्षम और सिया भाई-बहन बचपन से कांवड़ यात्रा कर रहे हैं। सक्षम चार साल की उम्र से और सिया पांच साल की उम्र से हर साल हरिद्वार से गंगाजल ला रहे हैं। वे इस यात्रा को आस्था सेवा और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक मानते हैं। गाजियाबाद में उनकी भक्ति और समर्पण लोगों को प्रेरित कर रहा है।

शाहनवाज अली, गाजियाबाद। दिल्ली के कृष्णा नगर निवासी 24 वर्षीय सक्षम मल्होत्रा आस्था और भक्ति की अनोखी मिसाल पेश कर रहे हैं। एक मल्टीनेशनल कंपनी के कॉल सेंटर में काम करने वाले सक्षम महज 4 साल की उम्र से अपने चाचा रोमित मल्होत्रा के साथ कांवड़ यात्रा कर रहे हैं।
उनकी इस यात्रा की सबसे खास बात उनकी छोटी बहन सिया का साथ है, जो करीब 14 वर्ष की है और पांच वर्ष की आयु में भाई के साथ हर साल कांवड़ यात्रा में शामिल होकर हरिद्वार से गंगाजल ला रही हैं।
हर सावन में दोनों भाई-बहन मिलकर हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर शिव को अर्पित करते हैं। सक्षम बताते हैं कि यह यात्रा केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि उनके जीवन की आस्था और आत्मिक जुड़ाव का हिस्सा हो चुकी है।
बताते हैं कि कांवड़ सिर्फ जल लाने का नहीं, बल्कि सेवा, समर्पण और भाई-बहन के रिश्ते की गहराई का प्रतीक है। सिया की आस्था और ऊर्जा भी लोगों को हैरत में डालती है। छोटी सी उम्र में लंबी दूरी तय कर गंगाजल लाना और शिव के प्रति पूरी श्रद्धा से समर्पित होना हर किसी को प्रेरणा देता है।
शनिवार दोपहर करीब एक बजे गाजियाबाद के मेरठ रोड पर सक्षम और सिया भाई बहन की जोड़ी कांवड़ियों के बीच आस्था की नई पीढ़ी की पहचान बनती नजर आई। सक्षम ने बताया कि वह अपने चाचा रोमित मल्होत्रा के साथ सबसे पहले चार वर्ष की उम्र में कांवड़ लाना आरंभ किया था। यह क्रम लगातार जारी है। इसमें उनकी बहन भी बचपन से शामिल हैं।
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