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    International Jain Food Festival: गाजियाबाद में लजीज व्यंजनों का स्वाद चखने का मौका, जानिए क्या है खास?

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 09:38 AM (IST)

    गाजियाबाद के साहिबाबाद में अंतरराष्ट्रीय जैन फूड फेस्टिवल चल रहा है जहां जैन धर्म के अनुसार बिना प्याज-लहसुन के 55 तरह के व्यंजन परोसे जा रहे हैं। यहां आलू की जगह कच्चे केले की टिक्की और नारियल के दूध से बनी पपीते की कढ़ी जैसे सात्विक व्यंजन उपलब्ध हैं। यह फेस्टिवल 15 जून तक होटल कंट्री इन में चलेगा।

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    अंतर्राष्ट्रीय जैन फूड फेस्टिवल में लगे व्यंजन। जागरण

    राहुल कुमार, गाजियाबाद। परंपरा की थाली में सात्विक स्वाद का वो मजा जो खाने वालों की आत्मा भी तृप्त कर दे। परंपरा जैन धर्म की और स्वाद भी शुद्धता की कसौटी पर खरा उतरा हुआ। साहिबाबाद साइट-4 औद्योगिक क्षेत्र स्थित होटल कंट्री इन में अंतरराष्ट्रीय जैन फूड फेस्टिवल में लोगों को कुछ ऐसा ही स्वाद पराेसा जा रहा है।

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    आलू नहीं कच्चे केले की टिक्की का मिल रहा स्वाद

    जैन धर्म के मुताबिक फूड फेस्टिवल में किसी ऐसी चीज का प्रयोग नहीं किया जा रहा, जो जमीन के भीतर उगती हो। बिना प्याज और लहसुन के 55 तरह के खाद्य उत्पाद लोगों के लिए फेस्टिवल में रखे गए हैं। इनमें ऐसा नहीं है कि भारतीय व्यंजन ही लोगों को लुभा रहे हों बल्कि एशियन, मैक्सिकन, इटेलियन व्यंजन भी जैन धर्म को ध्यान में रखकर खिलाए जा रहे हैं।

    कब तक चलेगा अंतरराष्ट्रीय जैन फूड फेस्टिवल?

    होटल के वाइस प्रेसिडेंट एंड यूनिट हेड सुदेश श्रीवास्तव बताते हैं कि विश्व में होटल कंट्री इन पहला ऐसा होटल है, जहां शुद्ध शाकाहारी खाना परोसा जाता है। जैन धर्म के काफी लोग एनसीआर से होटल में आते हैं। ऐसे में इस धर्म के खानपान को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय जैन फूड फेस्टिवल को सात जून को शुरू किया गया, जो 15 जून तक चलेगा।

    जायके के साथ धर्म से जुड़ी अन्य बातों का ख्याल रखा गया है। मसलन छह बजे तक इस धर्म के लोग भोजन कर लेते हैं। फूड फेस्टिवल में भी डिनर का टाइम शाम छह बजे तक है। अन्य राज्यों से भी पहले जैन फूड फेस्टिवल को रिस्पांस मिल रहा है और वीकेंड पर लोग यहां आ रहे हैं।

    हेड शेफ एंड जनरल मैनेजर सुशील चुग ने बताया कि सभी तरह के खाने में रूट वेजिटेबल का प्रयोग नहीं किया गया जबकि इनमें प्रयोग करने वाले मसाले भी सात्विक सर्टिफाइड हैं। यहां हर वो जायका देने की कोशिश की गई है, जो महिलाओं, बच्चों समेत हर उम्र के मन को भाए। पानीपूरी से लेकर टिक्की और टोफू से लेकर पिज्जा तक में स्वाद बनाने में 25 से 30 शेफ की टीम लगी है।

    लोगों की जुबां पर स्वाद छोड़ गए अनचखे जायके 

    टिक्की : बिना आलू की टिक्की शायद ही किसी ने सुनी हो और चखी हो। जैन धर्म में आलू का प्रयोग खाने में नहीं करते लेकिन फेस्टिवल में टिक्की लोगों को खानी तो कच्चे केले का प्रयोग कर करारी टिक्की खट्टी-मीठी चटनी के साथ लोगों को परोसी गई। पानीपुरी में आलू की जगह छोटा चना भरकर नारंगी और पाइनेपल जैसे फ्लेवर के साथ लोगों को चखने के लिए मिल रही है।

    साउथ एशियन में भा रही पपीते की कढ़ी 

    साउथ एशियन फूड में कच्चे पपीते की कढ़ी को नारियल, दूध, लेमन लीफ, लेमन ग्रास के फ्लेवर के साथ तैयार किया है। जैसमिन राइस के साथ लोगों को नया स्वाद खूब भा रहा है। ऐसे ही ग्रीन बींस को काजू की ग्रेवी और बेसिल लीफ के साथ फ्राइ कर टोफू लोगों को परोसा जा रहा है। मैक्सिकन फूड में मिनी टोकोज को टमाटर, आलिब्स और मैक्सिकन चीज के साथ पेश किया गया है।

    इटेलियन में कैनिलोनी के स्वाद का जादू 

    इटेलियन फूड में पालक और मक्के से तैयार कैनिलोनी को रिकोटा चीज के साथ तैयार किया गया है, इसके स्वाद का जादू लोगों पर खूब चढ़ा है। इसके अलावा पित्जा बच्चों और युवाओं की पसंद बना हुआ है। बिना प्याज और लहसुन के टमाटर, शिमला मिर्च, मक्का, पनीर की टोपिंग के साथ लोग इसे खा रहे हैं।

    सलाद से लेकर आम की लांजी तक 

    सलाद की बात की जाए तो कैर सांगर, कुरकुरे भिंडी, छोंकी हुई मिर्च, आम का अचार, सीजन के फल, स्नैक्स में मटर की कचौरी, पनीर टिक्का, सोया चाप समेत अन्य उत्पादों और भोजन का आनंद लेने लोग फूड फेस्टिवल में आ रहे हैं।

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