'10 मिनट में दे दूंगी तलाक, नहीं काटूंगी कोर्ट के चक्कर', 5 दिन से आमरण अनशन पर क्यों बैठी महिला पहलवान?
गाजियाबाद में महिला पहलवान पिछले पांच दिनों से आमरण अनशन पर बैठी हैं। उनकी मांग है कि उन्हें ससुराल में प्रवेश मिले और 17 अगस्त को पुलिस द्वारा हटाए जाने पर जवाबदेही तय हो। महिला पहलवान विवाहितों के लिए सख्त कानून की भी मांग कर रही हैं ताकि ससुराल में ज्यादती न हो। राज्य महिला आयोग की सदस्य के आने से उन्हें न्याय की उम्मीद है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। कलक्ट्रेट के बाहर पांच दिन से आमरण अनशन पर बैठी महिला पहलवान को इंसाफ कब मिलेगा, मिल भी पायेगा या नहीं यह सवाल बना हुआ है। लेकिन मंगलवार सुबह से धरनास्थल पर कुछ बदलाव जरूर नजर आ रहा है।
यहां पर सफाईकर्मी सफाई कर रहे हैं, सड़क पर चूने का छिड़काव किया जा रहा है। यह सब देखकर महिला पहलवान ने पूछा कि भैया आज क्यों यह सब हो रहा है तो जवाब मिला कि आपसे मिलने राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉक्टर हिमानी अग्रवाल आ रही हैं।
यह सुनकर महिला पहलवान को आस जगी है कि शायद उनकी मांग आज सरकार तक पहुंचेगी।महिला पहलवान का कहना है कि वह तीन मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हैं।
क्या है महिला पहलवान की मांग
- पहली मांग है कि उनका घर बसे और ससुराल में उनको प्रवेश मिले।
- दूसरी मांग है कि 17 अगस्त को उनकी ससुराल के बाहर से जबरन जिन पुलिसकर्मियों ने हटाया है, उनसे पूछा जाए कि ऐसा किसके आदेश पर किया गया है।
- तीसरी मांग है कि विवाहितों के लिए सख्त कानून बनाया जाए, जिससे कि ससुराल में उनके साथ ज्यादती न हो। यदि कोई ज्यादती करे तो उस पर ठोस कार्रवाई कम से कम समय मे हो।
उनका कहना है कि यही तीन मांगें आज भी वह राज्य महिला आयोग की सदस्य से करेंगी। बता दें कि बागपत के बड़ौत में रहने वाली महिला पहलवान ने राष्ट्रीय स्तर तक कि प्रतियोगिताएं खेली हैं।
उनकी मुलाकात जानकार के माध्यम से गाजियाबाद की अवंतिका कॉलोनी में रहने वाले युवक से हुई, युवक वर्तमान में एक एमएनसी कंपनी में कार्यरत है।
पहलवान के ससुर हैं दारोगा
उसके पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं और मिर्जापुर में तैनात हैं। महिला पहलवान और युवक एक दूसरे को पसंद करने लगे और दोनों ने वर्ष 2023 में कोर्ट मैरिज की। इसके बाद नौ जुलाई 2024 को समाज के डेढ़ हजार लोगों की उपस्थिति में दोनों ने शादी की।
शादी के बाद दोनों घूमने के लिए थाईलैंड भी गए थे। परिवार में सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन मार्च 2025 से स्थिति बिगड़ने लगी।
दंपती के रिश्ते में ससुराल पक्ष के अन्य लोगों का दखल शुरू हुआ तक एक मार्च को महिला पहलवान को लेकर उनका पति नोएडा में किराए के फ्लैट में रहने लगा।
17 अगस्त को पहुंची ससुराल तो...
महिला पहलवान ने बताया कि 26 अप्रैल को आखिरी बार दोनों ने एक साथ खाना खाया और फिर पति दक्षिण अफ्रीका चले गए। उस दिन पति से कहा था कि मुझे घर लेकर चलो मैं ससुराल में रहूंगी, लेकिन पति ने ऐसा नहीं किया।
इसके बाद ससुराल वालों ने महिला पहलवान के पति को घर से बेदखल करने का दावा किया और कोर्ट में तलाक के लिए केस भी फाइल कर दिया। इसका पता चला तो 17 अगस्त को वह अपने ससुराल पहुंची, लेकिन घर मे घुसने नहीं दिया गया।
पुलिस बल को बुलवाकर महिला पहलवान और उनके माता-पिता को वहां से जबरन हटा दिया गया। इस घटना से उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची और वह इंसाफ के लिए कलक्ट्रेट के बाहर आमरण अनशन पर बैठ गईं। अब उनकी तबीयत भी बिगड़ने लगी है।
मैं तलाक के लिए दस साल तक कोर्ट के चक्कर नही काटूंगी, दस मिनट में पति को तलाक दे दूंगी। लेकिन शर्त यह है कि ससुराल पक्ष के लोगों को बुलाकर मेरी गलती पूछी जाए, यदि मेरी गलती साबित होती है तो मैं तलाक देने को राजी हूं। लेकिन मुझे भरोसा है कि ऐसा नही होगा, गलती ससुराल पक्ष की निकलेगी। ऐसी स्थिति में मेरा घर बसने दें, उसे न बिगड़ने दें।- महिला पहलवान
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