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    Holika Dahan 2025: न पेड़ कटेगा और न प्रदूषण होगा, होलिका दहन मनाने के लिए किया गया ये प्लान

    By Rahul Kumar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 12 Mar 2025 07:28 PM (IST)

    साहिबाबाद में होलिका दहन इस बार पर्यावरण के अनुकूल होगा। ट्रांस-हिंडन में 500 से अधिक स्थानों पर गाय के गोबर से बनी लकड़ी से होलिका बनाई गई है। इससे न तो पेड़ काटने पड़ेंगे और न ही प्रदूषण होगा। होली दहन का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 26 मिनट से शुरू होगा। सोसायटी के पदाधिकारियों ने बताया कि इससे प्रदूषण नहीं होगा।

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    ट्रांस हिंडन में जगह-जगह गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से होलिका बनाई गई है। जागरण

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। होलिका दहन के साथ ही लोग पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रख रहे हैं। इसके लिए ट्रांस हिंडन में जगह-जगह गाय के गोबर से बनी लकड़ियों से होलिका बनाई गई है। लोगों का कहना है कि इससे न तो पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ेगी और न ही इससे प्रदूषण होगा।

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    होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:26 बजे से शुरू होगा। लोगों ने होलिका दहन से पहले और बाद में होली के कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं।

    500 से अधिक स्थानों पर होगा होलिका दहन

    ट्रांस हिंडन के वसुंधरा, वैशाली, कौशांबी, इंदिरापुरम, लाजपत नगर, राजेंद्र नगर, डीएलएफ कॉलोनी, बृज विहार, चंद्र नगर, सूर्य नगर, कनावनी आदि में 500 से अधिक स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा। इसके लिए ट्रांस हिंडन की सोसायटियों, कॉलोनियों और चौराहों पर गुरुवार को होलिका दहन किया जाएगा।

    इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कुछ सोसायटियों में छोटी तो कुछ में बड़ी होलिका बनाई गई है। लोग सुबह से ही पूजा-अर्चना करेंगे। रात को होलिका में जौ की बालियां फोड़ी जाएंगी। वैशाली सेक्टर चार की सेंट्रल पार्क लेन में आरडब्ल्यूए की ओर से होलिका बनाई गई है।

    इसमें करीब सौ किलो गौ काष्ठ (गाय के गोबर से बनी लकड़ी) का इस्तेमाल किया गया है। होलिका दहन के साथ ही यहां कृष्ण रासलीला के साथ फूलों की होली खेली जाएगी। फूलों का ऑर्डर भी दे दिया गया है। वसुंधरा सेक्टर 15 की शिखर एन्क्लेव सोसायटी में गाय के गोबर से बनी लकड़ियों और उपलों से होलिका बनाई गई है।

    सोसायटी के पदाधिकारियों ने बताया कि इससे प्रदूषण नहीं होगा। साथ ही रात में संगीतमय कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है।

    दो क्विंटल गौ-काष्ठ से बनाई होलिका

    ऋषभ क्लाउन-9 सोसायटी में भी पर्यावरण संरक्षण के लिए लकड़ी की जगह गोबर के कंडों का इस्तेमाल किया गया है। यहां करीब दो क्विंटल गोबर से होलिका बनाई गई है। लोगों का कहना है कि लकड़ी जलाने से बहुत ज्यादा धुआं निकलता है जो हवा में जहर फैलाता है। गोबर से बनी लकड़ियां जलाने से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है।

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