सड़क हादसों को कम करने के लिए नो हेलमेट, नो फ्यूल नियम लागू; फिर भी कहां हो रही गड़बड़ी?
गाजियाबाद में सड़क हादसों को कम करने के लिए नो हेलमेट नो फ्यूल नियम लागू है। लोग पेट्रोल पंप पर हेलमेट उधार लेकर नियम तोड़ रहे हैं जिससे वे अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। अधिकारी पेट्रोल पंपों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखने का निर्देश दे रहे हैं। हेलमेट उधार मिल सकता है पर जान नहीं।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। सड़क हादसों में होने वाली मौतों की संख्या कम करने के लिए दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनना जरूरी है। हेलमेट न पहनने पर चालान का भी प्रावधान है, लेकिन कुछ लोग नियम की परवाह नहीं करते और बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चलाते हैं।
इन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने नो हेलमेट नो फ्यूल नीति लागू की है, जिसके तहत बिना हेलमेट पहने पेट्रोल पंप पर पहुंचने वाले दोपहिया वाहन चालकों के वाहनों में पेट्रोल डालना प्रतिबंधित है। सरकार की मंशा साफ है कि लोग हेलमेट पहनकर ही वाहन चलाएं, लेकिन कुछ लोगों ने इस नीति का तोड़ निकाल लिया है।
पेट्रोल पंप पर मौजूद कर्मचारी जब बिना हेलमेट पहुंचे चालकों के वाहनों में पेट्रोल भरने से मना करते हैं, तो कुछ लोग दूसरों से उधार में हेलमेट मांगते हैं, पेट्रोल भराने के बाद हेलमेट वापस कर देते हैं और बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते हैं, इस तरह वे अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। पंप कर्मचारियों का कहना है कि आज हेलमेट उधार में मिल सकता है, लेकिन कल को कोई दुर्घटना हो जाए तो जान उधार में नहीं मिलेगी।
शुक्रवार दोपहर एक स्कूटी सवार बिना हेलमेट पहने अपने स्कूटर में पेट्रोल भरवाने हापुड़ रोड स्थित एक पेट्रोल पंप पर पहुंचा। पंप कर्मचारी ने हेलमेट न होने के कारण उसे पेट्रोल देने से इनकार कर दिया। इस दौरान युवक ने पेट्रोल भरवाकर जा रहे एक अन्य युवक से कुछ देर के लिए अपना हेलमेट उधार मांगा और फिर पंप कर्मचारी से अपने स्कूटर में पेट्रोल भरने को कहा।
ऐसे में पेट्रोल पंप कर्मचारी स्कूटर में पेट्रोल भरने से इनकार नहीं कर सका। पंप कर्मचारियों का कहना है कि यह अकेला मामला नहीं है, दिनभर में कई लोग ऐसा करते हैं। दोपहर में ही एएलटी कट के पास भारत पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाने पहुंचे दस में से तीन दोपहिया वाहन चालक बिना हेलमेट पहने पहुंचे थे। पंप संचालक कौस्तुभ भारद्वाज और तीन अन्य कर्मचारी बिना हेलमेट पहुंचे दोपहिया वाहन चालकों को लौटाते नजर आए।
इनमें से कुछ की बहस भी हुई तो कुछ ने अगली बार हेलमेट पहनने की बात कही और इस बार अपने वाहन में पेट्रोल भरवाने का अनुरोध किया। कौस्तुभ ने कहा कि अभियान का असर दिख रहा है क्योंकि पहले की तुलना में अब ज्यादा लोग हेलमेट पहनकर आ रहे हैं, लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो बिना हेलमेट के आते हैं।
रात में स्थिति और खराब हो जाती है क्योंकि कुछ लोग नशे की हालत में अपने दोपहिया वाहनों पर पेट्रोल भरवाने आते हैं। अगर उनके वाहन में पेट्रोल भरने से मना किया जाता है तो वे गाली-गलौज और झगड़ा करने लगते हैं।
जिला पूर्ति अधिकारी अमित तिवारी का कहना है कि सभी पेट्रोल पंप संचालकों को नो हेलमेट नो फ्यूल नीति का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं, पंप संचालकों को सीसीटीवी कैमरे चालू रखने को भी कहा गया है।
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